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Sunday, 13 October, 2024
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पैरालंपिक समिति के निलंबन के बाद पैरा निशानेबाजी विश्व कप का आयोजन खतरे में

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(अजय मसंद)

नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) को समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण निलंबित करने के खेल मंत्रालय के फैसले के बाद अगले महीने भारत में पैरा निशानेबाजी विश्व कप की मेजबानी खतरे में पड़ गई है।

कर्णी सिंह रेंज में छह से 15 मार्च तक आयोजित होने वाला पैरा निशानेबाजी विश्व कप भारत को आवंटित पहली बड़ी पैरा निशानेबाजी प्रतियोगिता है और इसमें पेरिस पैरालंपिक के 24 कोटा स्थान दांव पर लगे हैं।

इस प्रतियोगिता में 52 देशों के 500 से अधिक पिस्टल, राइफल और शॉटगन निशानेबाजों के भाग लेने की उम्मीद है और उनका लक्ष्य क्वालीफिकेशन चक्र के आखिरी टूर्नामेंट के जरिए पैरालंपिक कोटा स्थान सुरक्षित करना है।

कई शीर्ष भारतीय पैरा निशानेबाज भी पैरालंपिक कोटा स्थानों के लिए चुनौती पेश करेंगे।

हालांकि दो फरवरी के खेल मंत्रालय के फैसले के बाद इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। पीसीआई प्रतिस्पर्धियों की प्रविष्टियों की नाम से पुष्टि करने, उनके वीजा की व्यवस्था करने, रहने और टूर्नामेंट के आयोजन के लिए एक तकनीकी टीम तैयार करने के लिए अंतिम चरण में है तब खेल मंत्रालय ने यह फैसला किया है।

मंत्रालय ने दो फरवरी को एक आदेश जारी कर राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार ‘नई कार्यकारी समिति के चुनाव में’ राष्ट्रीय संस्था द्वारा ‘जानबूझकर देरी’ के लिए पीसीआई की मान्यता को निलंबित कर दिया था।

पीसीआई की कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल इस साल 31 जनवरी को समाप्त हो गया और मंत्रालय के अनुसार कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव हो जाने चाहिए थे। पीसीआई ने इस साल 28 मार्च को चुनाव निर्धारित किया है।

पीसीआई महासचिव गुरशरण सिंह ने रविवार को पीटीआई को बताया कि मंत्रालय को सूचित किया गया है कि पैरा विश्व कप के कारण ही चुनावों में देरी हो रही है।

गुरशरण ने कहा, ‘‘हां, उन्होंने पीसीआई की मान्यता निलंबित कर दी है। वे ऐसा कैसे कर सकते हैं जब किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) को चालू वर्ष के लिए मान्यता नहीं मिली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय कह रहा है कि उन्होंने हमारी मान्यता निलंबित कर दी क्योंकि हमने समय पर चुनाव नहीं कराए। हमारा चुनाव इस साल 27 जनवरी को होना था लेकिन पहली बार भारत को आवंटित किए गए पैरा विश्व कप के कारण हमें चुनाव स्थगित करने पड़े।’’

गुरशरण ने ने कहा, ‘‘हमने पैरा विश्व कप के बाद मार्च में चुनाव की तारीखों की घोषणा की है। चुनाव 28 मार्च को हैं और निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक सप्ताह पहले मंत्रालय को चुनाव की तारीखों के बारे में सूचित किया था। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) को भी सूचित किया गया है। अचानक यह घटनाक्रम (मान्यता का निलंबन) हुआ, मुझे नहीं पता क्यों।

गुरशरण ने कहा, ‘‘हमने मंत्रालय को लिखा है कि चुनाव केवल पैरा विश्व कप के कारण स्थगित किए जा रहे हैं… मंत्रालय का एक अधिकारी पैरा विश्व कप आयोजन समिति में भी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रतियोगिता के लिए नाम से प्रविष्टियों की अंतिम तिथि कल ही प्राप्त हुई। इस घटनाक्रम से देश की प्रतिष्ठा खराब होगी। हमें टूर्नामेंट का आयोजन करना होगा, चाहे कुछ भी हो, अन्यथा आईपीसी हमारे लिए समस्याएं पैदा कर देगा।’’

गुरशरण ने कहा, ‘‘हमारी संस्था को निलंबित नहीं किया गया है, हमारी मान्यता को निलंबित कर दिया गया है। हम सरकार से कोई पैसा नहीं लेते हैं लेकिन सबसे बड़ी बाधा प्रायोजक हैं, उनमें से कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) हैं, जो घटनाक्रम के बाद शायद भुगतान जारी नहीं करें।’’

गुरशरण ने कहा कि पीसीआई के पास पैरा विश्व कप के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट है जिसमें वे प्रायोजन राशि के जरिए पांच करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं।

मंत्रालय ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को आईपीसी के साथ समन्वय करके एक तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया है जिसमें प्रतिष्ठित प्रशासक और खिलाड़ी शामिल होंगे जो पीसीआई के कार्यों का निर्वहन करेंगे और ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराएंगे’।

गुरशरण ने कहा, ‘‘हमारी मान्यता निलंबित करने से पहले कम से कम एक नोटिस तो दिया जाना चाहिए था।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या पैरा विश्व कप को भारत से छीनकर किसी अन्य देश को दिए जाने की संभावना है तो गुरशरण ने इससे इनकार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इतने कम समय में यह संभव नहीं है।’’

हालांकि एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि दक्षिण कोरिया इस टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए काफी उत्सुक है।

साइ के महानिदेशक संदीप प्रधान ने फोन या संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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