कराची, 26 मई (भाषा) पाकिस्तान के पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद पूर्व खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम की नाकामी हजम नहीं हो रही है और उन्होंने राष्ट्रीय महासंघ में पदाधिकारियों को बदलने की मांग की है।
पाकिस्तान को गुरुवार को एशिया कप के पूल ए में जापान के खिलाफ 2-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि भारत ने इंडोनेशिया को 16-0 से रौंद दिया। भारत की बड़ी जीत के साथ पाकिस्तान अगले साल भुवनेश्वर और राउरकेला में होने वाले एफआईएच विश्व कप में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गया।
एक समय विश्व हॉकी की दिग्गज टीम रही पाकिस्तान की इस नाकामी के बाद लंबे समय से पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खालिद सज्जाद खोकर और कोच ख्वाजा जुनैद को हटाने की मांग फिर शुरू हो गई है। पूर्व ओलंपियन जुनैद संन्यास के बाद से नियमित रूप से राष्ट्रीय सीनियर और जूनियर टीम के साथ जुड़े रहे हैं।
पूर्व कप्तान और ओलंपियन समीउल्लाह ने सवाल किया, ‘‘यह हजम करना बेहद मुश्किल है कि लगातार दूसरी बार हम विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे। हमारी हॉकी किस तरफ जा रही है।’’
एक अन्य पूर्व कप्तान और ओलंपियन इस्लाहुद्दीन ने कहा कि यह दिल तोड़ने वाला है कि पाकिस्तान पिछले दो ओलंपिक और अब लगातार दो विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा समय था जब इस तरह की बड़ी प्रतियोगिताएं पाकिस्तान के बिना पूरी नहीं होती थी।’’
पूर्व दिग्गज सेंटर फारवर्ड हसन सरदार ने कहा कि अन्य एशियाई देश आगे निकल गए हैं जबकि खराब घरेलू ढांचे के कारण पाकिस्तान पीछे रह गया है।
समीउल्लाह ने कहा, ‘‘हमें हॉकी का संचालन करने के लिए ऐसे लोग चाहिए जिनका कोई निहित स्वार्थ नहीं हो। हमें ऐसे कोच चाहिए जो निस्वार्थ भाव से काम करें और वे सिर्फ दैनिक भत्तों और विदेशी यात्रा के लिए काम नहीं करें।’’
ओलंपियन रशीद उल हसन ने कहा कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान हॉकी के खराब प्रदर्शन के पीछे के दो समान कारण पीएचएफ अध्यक्ष और ख्वाजा जुनैद हैं।
भाषा
सुधीर नमिता
नमिता
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