कोलकाता, 16 फरवरी (भाषा) भारत के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता फुटबॉलर और ओलंपियन तुलसीदास बलराम का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार को यहां निधन हो गया। उनके परिवार के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बलराम 87 वर्ष के थे। वह उत्तरपारा में हुगली नदी के किनारे एक फ्लैट में रहते थे।
पिछले साल 26 दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 1962 के एशियाड चैंपियन का पेशाब के संक्रमण और पेट संबंधित बीमारी के लिये उपचार किया जा रहा था।
परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया, ‘‘उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और आज दोपहर करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। ’’
बलराम 1950 और 1960 के दशक में भारतीय फुटबॉल की सुनहरी पीढ़ी का हिस्सा रहे, जिसमें वह चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी जैसे दिग्गजों के साथ खेलते थे जिससे उन्हें ‘होली ट्रिनिटी’ (त्रिमूर्ति) के नाम से पुकारा जाता था।
अर्जुन पुरस्कार से नवाजे जा चुके बलराम के 1960 रोम ओलंपिक में प्रदर्शन को भुलाया नहीं जा सकता।
हंगरी, फ्रांस और पेरू के साथ ‘ग्रुप ऑफ डेथ’ में शामिल भारत को पहले मैच में हंगरी से 1-2 से हार मिली थी लेकिन बलराम ने 79वें मिनट में गोल करके खुद का नाम इतिहास के पन्नों में शामिल कराया।
भारत कुछ दिनों बाद फ्रांस को हराकर उलटफेर करने के करीब पहुंच गया था जिसमें भी बलराम का प्रदर्शन शानदार रहा था।
वह ज्यादातर ‘सेंटर फॉरवर्ड’ या ‘लेफ्ट विंगर’ के तौर पर खेलते थे। लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने 1963 में खेल से अलविदा होने का फैसला किया। भाषा नमिता मोना
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