नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) अगले महीने तोक्यो में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भारत के पुरुष भाला फेंक खिलाड़ियों की संख्या सबसे अधिक होगी जिसमें नीरज चोपड़ा की अगुआई में देश के चार खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। यह वैश्विक मंच पर दो बार के ओलंपिक पदक विजेता चोपड़ा के प्रदर्शन से आई गई ‘क्रांति’ का उल्लेखनीय प्रतिबिंब है।
भारत ने 13 से 21 सितंबर तक होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए रविवार को 19 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें भाला फेंक स्पर्धा में चोपड़ा के अलावा सचिन यादव, यशवीर सिंह और रोहित यादव भी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
तोक्यो में प्रतिस्पर्धा करने वाले शुरुआती 36 खिलाड़ियों के समूह में जगह बनाने में नाकाम रहे रोहित को विश्व एथलेटिक्स से आमंत्रण मिला जब विश्व रैंकिंग में उनसे ऊपर के प्रतियोगियों ने नाम वापस ले लिया।
पिछले टूर्नामेंट में भी चार भारतीयों ने क्वालीफाई किया था लेकिन रोहित चोट के कारण बाहर हो गए थे। चोपड़ा ने 2023 में बुडापेस्ट में पिछली विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जबकि किशोर जेना और डीपी मनु क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे थे।
देश के इतिहास में पहली बार चार भारतीय विश्व चैंपियनशिप की किसी स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। गत चैंपियन होने के कारण 27 वर्षीय चोपड़ा ने वाइल्ड कार्ड से विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया जिससे तीन अन्य भारतीयों के उनके साथ जुड़ने का रास्ता साफ हुआ।
किसी भी देश को प्रतिस्पर्धा में अधिकतम तीन प्रतिभागियों को शामिल करने की अनुमति है लेकिन यदि कोई खिलाड़ी वाइल्ड कार्ड के जरिए प्रतियोगिता में जगह बनाता है तो यह संख्या चार हो सकती है।
चोपड़ा ने 85.50 मीटर का क्वालीफाइंग स्तर भी पार कर लिया था जबकि अन्य तीन भारतीयों ने विश्व रैंकिंग के माध्यम से कट हासिल किया।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के प्रवक्ता आदिल सुमारिवाला ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे विशेष रूप से खुशी है कि हमारे चार पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं। हमें उम्मीद है कि इस बार भी वे सभी फाइनल में पहुंचेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार भी चार खिलाड़ी थे लेकिन रोहित यादव चोटिल हो गए थे और भाग नहीं ले पाए थे। और वे सभी फाइनल में शीर्ष छह में थे।’’
एएफआई की सीनियर चयन समिति की बैठक के बाद भारतीय टीम का चयन किया गया जिसमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं।
रोहित के अलावा पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़ के तेजस शिरसे और पुरुषों की 35 किमी पैदल चाल के संदीप कुमार को अंतिम समय में शामिल किया गया। इन्हें भी अन्य प्रतिभागियों के हटने के कारण विश्व एथलेटिक्स से आमंत्रण मिला।
कोई भी एथलीट क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने विश्व चैंपियनशिप के लिए स्वतः क्वालीफाई कर सकता है। शेष स्थान विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से दिए जाते हैं जिससे कि विश्व एथलेटिक्स द्वारा प्रत्येक स्पर्धा के लिए पूर्व-निर्धारित आवश्यक प्रवेश संख्या पूरी की जा सके।
इसके बाद सदस्य देशों ने वैश्विक संस्था को अपने एथलीटों के नाम वापस लेने की सूचना दी और इस प्रकार खाली हुए स्थानों को विश्व रैंकिंग में अगले स्थान पर रहने वाले एथलीटों द्वारा भर दिया गया।
भारत ने 2023 में हंगरी में हुए पिछले टूर्नामेंट में 28 एथलीट भेजे थे जिनमें सात रिले धावक शामिल थे। इस बार देश किसी भी रिले स्पर्धा के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया।
चोपड़ा ने 2023 में बुडापेस्ट में स्वर्ण पदक जीता था और इस बार भी उनके अलावा किसी अन्य भारतीय के पास पदक जीतने का कोई वास्तविक मौका नहीं है।
पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल के एथलीट अक्षदीप सिंह का नाम विश्व रैंकिंग के माध्यम से क्वालीफाई करने के बावजूद शामिल नहीं है क्योंकि वह चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं हैं। एशियाई चैंपियन होने के कारण कट हासिल करने वाली हेप्टाथलीट नंदिनी अगासरा भी कोहनी की चोट से पूरी तरह उबर नहीं पाई हैं जैसा कि पीटीआई ने पहले बताया था।
तीन हजार मीटर स्टीपलचेज के स्टार खिलाड़ी अविनाश साबले ने स्वत: पात्रता सीमा हासिल करके क्वालीफाई किया लेकिन जुलाई में एसीएल सर्जरी के कारण वह इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएंगे।
एएफआई के प्रवक्ता आदिल सुमारिवाला ने वर्चुअल मीडिया बातचीत में कहा,‘‘साबले, अक्षदीप और नंदिनी टीम में नहीं हैं क्योंकि वे चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं हैं।’’
क्वालीफाइंग स्तर हासिल करने के बाद पुरुषों की पांच हजार मीटर दौड़ में सीधे क्वालीफाई करने वाले गुलवीर सिंह ने आमंत्रण के ज़रिए 10 हजार मीटर स्पर्धा में भी जगह बनाई।
पूजा दूसरी भारतीय हैं जो दो स्पर्धाओं में भाग ले रही हैं। उन्हें महिलाओं की 800 मीटर दौड़ के लिए भी आमंत्रण मिला है। वह विश्व रैंकिंग के जरिए 1500 मीटर में पहले ही जगह बना चुकी हैं।
भारतीय टीम:
पुरुष: नीरज चोपड़ा, सचिन यादव, यशवीर सिंह और रोहित यादव (पुरुष भाला फेंक), मुरली श्रीशंकर (पुरुष लंबी कूद), गुलवीर सिंह (पुरुष 5,000 मीटर और 10,000 मीटर), प्रवीण चित्रावेल और अब्दुल्ला अबुबाकर (पुरुष त्रिकूद), सर्वेश अनिल कुशारे (पुरुष ऊंची कूद), अनिमेष कुजूर (पुरुष 200 मीटर), तेजस शिरसे (पुरुष 110 मीटर बाधा दौड़), सर्विन सबेस्टियन (पुरुष 20 किमी पैदल चाल), राम बाबू और संदीप कुमार (पुरुष 35 किमी पैदल चाल)।
महिलाएं: पारुल चौधरी और अंकिता ध्यानी (महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज), अन्नू रानी (महिलाओं की भाला फेंक), प्रियंका गोस्वामी (महिलाओं की 35 किमी पैदल चाल), पूजा (महिलाओं की 800 मीटर और 1500 मीटर)।
भाषा सुधीर आनन्द
आनन्द
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