नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एक महिला त्रिकूद खिलाड़ी को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने प्रतिबंधित पदार्थ के परीक्षण में पॉजिटिव पाए जाने के बाद निलंबित किया है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि 30 वर्ष से अधिक की यह खिलाड़ी 2023 में हांगझोउ एशियाई खेलों में भी भाग ले चुकी है।
फिलहाल इस एथलीट की पहचान गुप्त रखी जा रही है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह किस प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाई गई है।
नवीनतम असफल परीक्षण से भारतीय एथलीटों का चिंताजनक रूप से नियमित रूप से डोप उल्लंघन में फंसना जारी है।
इससे पहले 11 अगस्त को राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण पदक विजेता चक्का फेंक खिलाड़ी गगनदीप सिंह सहित कुछ अन्य खिलाड़ी उन खिलाड़ियों की सूची में शामिल थे जिन्हें नाडा ने तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया। इन्होंने आरोप लगने के 20 दिन के भीतर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था।
सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए गगनदीप ने 12 फरवरी को उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा में 55.01 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था। बाद में उनका ‘टेस्टोस्टेरोन मेटाबोलाइट्स’ के लिए परीक्षण पॉजिटिव आया और उन्हें अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा जारी 2023 के परीक्षण आंकड़ों के अनुसार प्रतिबंधित पदार्थों के लिए पॉजिटिव पाए जाने की भारत की दर 3.8 प्रतिशत थे। इसमें 5606 नमूनों में से 214 प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष (एएएफ) थे। इनमें से 2748 परीक्षण प्रतियोगिता के दौरान किए गए थे।
प्रतिबंधित पदार्थों के लिए पॉजिटिव पाए जाने की भारत की दर चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और रूस से काफी अधिक है। इन सभी देशों की यह दर एक प्रतिशत या उससे कम है।
वाडा के अनुसार भारत में सबसे अधिक प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष एथलेटिक्स के खिलाड़ियों के बीच हैं जिनके 1223 नतीजों में से 61 प्रतिकूल पाए गए।
भाषा सुधीर पंत
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