नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) गोला फेंक खिलाड़ी करणवीर सिंह और चक्का फेंक खिलाड़ी कृपाल सिंह कुछ महीनों में प्रतियोगिताओं में वापसी के पात्र हो जायेंगे क्योंकि नाडा (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) के डोपिंग रोधी अपील पैनल (एडीएपी) ने 2023 में डोप जांच में विफल होने पर उनके चार साल के प्रतिबंध की अवधि को घटाकर दो साल कर दिया है।
नाडा की डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने 29 दिसंबर, 2023 को जारी आदेश में दोनों एथलीटों पर चार साल का प्रतिबंध लगाया था।
पच्चीस साल के करणवीर ने 2023 फेडरेशन कप में कांस्य पदक जीता था। उनके नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ मेथेन्डिएनोन और एसएआरएमएस एनोबोसार्म की पुष्टि हुई थी जिसके बाद जुलाई 2023 में बैंकॉक में होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था।
कृपाल ने 2023 राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। जांच में उनके नमूने में स्टेनोजोलोल की पुष्टि हुई थी।
एडीएपी ने एडीडीपी के फैसले को बदलते हुए दोनों एथलीटों के प्रतिबंध को दो साल कर दिया।
अभी तक हालांकि इसका कोई विवरण उपलब्ध नहीं है। नाडा की वेबसाइट के अनुसार, दोनों निर्णय 28 मार्च, 2025 को दिए गए थे।
दोनों खिलाड़ियों का निलंबन 26 जुलाई, 2023 से शुरू हुआ है ऐसे में वे इस साल 26 जुलाई को प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
जुडोका हरदीप सिंह बरार के मामले में भी इसी तरह का फैसला दिया गया है। उनके निलंबन की अवधि भी 26 जुलाई को खत्म हो जायेगी।
इस बीच विश्व एथलेटिक्स की एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) द्वारा अप्रैल महीने में डोपिंग और गैर-डोपिंग उल्लंघन के लिए दिए गए प्रतिबंधों की नवीनतम सूची में नौ भारतीयों का नाम शामिल है।
नौ भारतीयों में प्रधान कुरूलकर और विवेक मोरे जैसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्हें दिसंबर 2024 में पुणे हाफ मैराथन में आयोजित परीक्षणों में प्रतिबंधित पदार्थों की जांच में पॉजिटिव आने के बाद एआईयू द्वारा क्रमशः तीन और पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
सूची में कीनिया के पांच एथलीट हैं जबकि तीन पाकिस्तान के हैं।
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर
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