भुवनेश्वर, तीन मई (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थानीय खेलों को वैश्विक मान्यता दिये जाने की वकालत करते हुए शनिवार को कहा कि ओडिशा यह सुनिश्चित करना जारी रखेगा कि स्थानीय खेलों को वैश्विक मंच पर उनका उचित स्थान मिले।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि माझी ने यह मांग मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित वेव्स (विश्व दृश्य श्रव्य एवं मनोरंजन सम्मेलन’ ) 2025 में अपने संबोधन के दौरान की।
माझी ने कहा, ‘‘हम भारत सरकार और वैश्विक महासंघों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्वदेशी खेलों को विश्व मंच पर उनका उचित स्थान मिले।’’
मुख्यमंत्री ने ओडिशा के आदिवासी बहुल सुदूर जिले क्योंझर में अपने बचपन के दिनों में ‘कबड्डी’ और ‘खो-खो’ के साथ अपने शुरुआती खेल अनुभवों को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ये खेल से कहीं बढ़कर थे, ये टीम वर्क, लचीलापन और हमारे समुदायों की मिट्टी में निहित पहचान की अभिव्यक्ति थे।’’
माझी ने उपस्थित लोगों को बताया कि ओडिशा भारत का पहला राज्य है जिसने एक इस्पात कंपनी के सहयोग से खो-खो जैसे स्वदेशी खेल के लिए एक समर्पित उच्च प्रदर्शन केंद्र (एचपीसी) स्थापित किया है।
उन्होंने ‘ओडिशा जुगरनॉट्स’ की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि ओडिशा ‘अल्टीमेट खो-खो लीग’ में राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एकमात्र फ्रैंचाइजी है, जिसने 2022 में लीग के शुरुआती सत्र का खिताब जीता था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यह इस बात का प्रमाण है कि समर्थन और रणनीतिक निवेश से क्या हासिल किया जा सकता है।’’
माझी ने आगे कहा, ‘‘ ओडिशा में कहते हैं, खेला रे संस्कृति आछी, संस्कृति रे अस्मिता आछी (हमारे खेलों में हमारी संस्कृति निहित है, और हमारी संस्कृति में हमारी पहचान निहित है)।’’
भाषा आनन्द मोना
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