कोलकाता, छह जून ( भाषा ) एक समय ‘अगले सुनील छेत्री’ कहे जाने वाले जेजे लालपेखलुआ ने गुरुवार को नवोदित फॉरवर्ड खिलाड़ियों से किसी भी चोट को हल्के में नहीं लेने का आग्रह किया। लालपेखलुआ का करियर लगातार घुटने की चोटों के कारण जल्दी समाप्त हो गया था।
वर्ष 2011 में छेत्री के साथ मिलकर खेलने के बाद से मिजोरम के तेजतर्रार फॉरवर्ड लालपेखलुआ लगातार मजबूत होते गए और कई मुकाबलों में छेत्री के साथ भारतीय आक्रमण की अगुआई की। दोनों ने एक साथ 2011 तथा 2015 में सैफ चैंपियनशिप जीती लेकिन फिर लालपेखलुआ घुटने की चोटों के कारण बाहर हो गए।
लालपेखलुआ ने आइजॉल से पीटीआई से कहा, ‘‘जब मैं युचा था तो मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी। मैंने उनके (छेत्री के) खेल की बराबरी करने के लिए बहुत मेहनत की लेकिन चोटों ने मुझे पीछे छोड़ दिया जिससे भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों को निराशा हुई जिन्हें मेरे से बहुत उम्मीदें थीं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे युवा खिलाड़ी आएंगे जो उनकी जगह ले सकेंगे।’’
इस 33 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘चोटों का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। 2011 में जब मैंने पहली बार खेला था तो कोच मुझे पसंद करते थे, कुछ छोटी-मोटी चोटें थीं लेकिन मैं उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया।’’
लालपेखलुआ ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा, ‘‘लेकिन अगर आप लंबे समय तक खेलना चाहते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है और कभी भी जोखिम नहीं लेना चाहिए। सुनील को देखें। लंबे समय तक खेलने के लिए आप अनावश्यक जोखिम नहीं उठा सकते। एक बार कुछ गंभीर हो जाने पर यह बहुत मुश्किल हो जाता है।’’
भाषा सुधीर पंत
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