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Saturday, 29 November, 2025
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सैफ फाइनल के बाद मेइती ध्वज ओढ़कर जैकसन सिंह ने विवाद खड़ा किया

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बेंगलुरू, चार जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के मणिपुर के खिलाड़ी जैकसन सिंह कुवैत के खिलाफ सैफ चैंपियनशिप फाइनल में भारत की जीत के बाद अपना व्यक्तिगत पदक लेने के दौरान मेइती ध्वज ओढ़कर विवाद में फंस गए हैं।

फीफा 2017 अंडर-17 विश्व कप में गोल के साथ भारत के लिए फीफा आयु वर्ग टूर्नामेंट में गोल करने वाले पहले भारतीय 22 साल के डिफेंसिव मिडफील्डर जैकसन ने हालांकि कहा है कि वह ऐसा करके किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे।

जैकसन ने जिस ध्वज में स्वयं को लपेटा उसे कांगलेपाक का ध्वज या सलाई तारेत ध्वज कहा जाता है। यह एक आयताकार सात रंग का ध्वज है जो प्राचीन मणिपुर की मेइती जाति के सात कबीले राजवंशों का प्रतिनिधित्व करता है।

मई में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच जातीय झड़पें हुईं जिसके कारण भारत सरकार को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सेना तैनात करनी पड़ी। इन झड़पों में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई जबकि सार्वजनिक और निजी संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।

इसका कारण मेइती समुदाय की कुकी समुदाय की तरह अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग है। आदिवासी समुदाय मेइती समुदाय की मांगों का विरोध कर रहे हैं।

जेकसन मेइती कबीले से हैं लेकिन उनके इस कदम की व्यापक आलोचना हुई और सोशल मीडिया पर लोगों ने कई कुकी चर्च को नष्ट करने के बाद सलाई तारेत ध्वज फहराए जाने की तस्वीरें डालीं।

जैकसन ने देर रात ट्विटर का सहारा लिया और अपना बचाव किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय प्रशंसकों, ध्वज के साथ जश्न मनाकर मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता था। मेरा इरादा उन मुद्दों को सामने लाने का था जिनका सामना मेरा गृह राज्य मणिपुर कर रहा है।’’

इससे पहले मैच के बाद ‘ईएसपीएन.इन’ से बात करते हुए जैकसन ने अपने राज्य के लोगों से शांति कायम रखने की अपील की थी।

जैकसन ने कहा, ‘‘यह मेरे मणिपुर का ध्वज है। मैं भारत और मणिपुर में सभी को कहना चाहता हूं कि शांति से रहें और लड़ाई नहीं करें। मैं शांति चाहता हूं। दो महीने हो गये हैं और अब भी झड़प चल रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि इस तरह की चीजें और हों और मैं सिर्फ शांति के लिए सरकार और अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मेरा परिवार सुरक्षित है लेकिन ऐसे कई परिवार हैं जिन्होंने अपना घर और सब कुछ खो दिया है। यहां तक कि मेरे लिए भी इस स्थिति के साथ अभी घर वापस जाना मुश्किल है…यहां तक कि मुझे नहीं पता कि क्या होने वाला है। मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी।’’

जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष कल्याण चौबे से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे की संवेदनशील प्रकृति के कारण इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

यहां तक कि एआईएफएफ ने अपने आधिकारिक बयान में कोई टिप्पणी नहीं की।

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘जैकसन सिंह थोनाओजाम ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है इसलिए हम इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे।’’

भाषा सुधीर नमिता

नमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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