(सौमोज्योति एस चौधरी)
राजगीर (बिहार), एक सितंबर (भाषा) दुनिया के मशहूर मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन ने अपने शानदार करियर के दौरान विभिन्न खेलों में काम किया है, लेकिन खेल कोई भी हो उनका मूल मंत्र एक ही है, खेल और खिलाड़ियों की जरूरत को समझना।
अपटन भारत की 2011 क्रिकेट वन डे विश्व कप जीत के दौरान मुख्य कोच गैरी कर्स्टन के सहयोगी स्टाफ का हिस्सा थे और वह वर्तमान में यहां चल रहे एशिया कप में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ जुड़े हुए हैं।
वह पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम तथा पिछले वर्ष एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और 2022 एशियाई खेलों की विजयी टीमों का भी हिस्सा थे।
अपटन ने पीटीआई से कहा, ‘‘टीमवर्क के सिद्धांत लगभग एक जैसे हैं। हॉकी में एक अलग प्रकार का टीमवर्क होता है, जिसमें कई खिलाड़ियों को जुड़ना पड़ता है। क्रिकेट में भी टीमवर्क होता है, लेकिन यह अधिक व्यक्तिगत होता है।’’
इस 55 वर्षीय कोच ने कहा, ‘‘लेकिन ध्यान केंद्रित रखने के सिद्धांत, ध्यान भटकाने वाली चीजों का प्रबंधन करने के सिद्धांत जैसे स्कोरबोर्ड, प्रशंसक, विरोधी टीम, गलती करने का पछतावा, ये सब एक जैसे ही हैं।’’
अपटन का करियर मुख्य रूप से क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमता रहा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स सहित दुनिया भर की कई टी-20 फ्रेंचाइजी के साथ काम किया है। उन्होंने हालांकि रग्बी और हाल ही में हॉकी जैसे अन्य खेलों में भी काम किया है।
दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले अपटन ने कहा, ‘‘मुझे हॉकी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मैं भारत का रहने वाला नहीं हूं और अब भी मैं यहां एक मेहमान हूं, इसलिए मेरा दृष्टिकोण वास्तव में सुनने, माहौल को समझने, खेल को समझने और प्रत्येक व्यक्ति को समझने पर ध्यान देने का है। जब मैं चीजों को समझ जाऊंगा तभी किसी तरह की मदद कर सकता हूं।’’
भारतीय हॉकी टीम के साथ काम करने के तरीके के बारे में पूछे जाने पर अपटन ने कहा, ‘‘यह खिलाड़ियों से व्यक्तिगत और टीम सत्र दोनों तरह से होता है। हम टीम के साथ कार्यशालाएं आयोजित करते हैं और खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क करते हैं। यह आखिरकार कोच और कप्तान पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं।’’
अपटन ने कहा कि भारतीय हॉकी टीम का ध्यान फिलहाल अगले साल होने वाले विश्व कप, एशियाई खेलों और 2028 ओलंपिक पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम के साथ मेरा पिछला अनुभव ओलंपिक से पहले का था, तब वे एक बड़ी प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहे थे। तब उनके पास फिटनेस, रणनीति और मानसिक मार्गदर्शन को लेकर स्पष्ट नजरिया था।’’
अपटन ने कहा, ‘‘और अब यह विश्व कप, एशियाई खेलों और ओलंपिक की तैयारी का दूसरा चरण है। इसलिए टीम अभी पुनर्गठन के चरण में है। उनके पास मुख्य कोच क्रेग फुल्टन और कप्तान हरमनप्रीत सिंह के रूप में अच्छा नेतृत्व है।’’
उन्होंने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘टीम अविश्वसनीय रूप से पेशेवर है। मैं उनकी कार्यशैली और कड़े अभ्यास से बेहद प्रभावित हूं। भारतीय खिलाड़ी बहुत ही समर्पित और पेशेवर हैं। ऐसी टीम से जुड़ना रोमांचक है और हमारा ध्यान प्रत्येक मैच से कुछ ना कुछ सीख लेने पर लगा होता है।’’
भाषा
पंत सुधीर
सुधीर
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