… देवार्चित वर्मा …
अहमदाबाद, चार जून (भाषा) विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने अपना अंतिम लक्ष्य हासिल कर लिया, लेकिन श्रेयस अय्यर की पंजाब किंग्स आखिरी चरण में पिछड़ गई। मुंबई इंडियंस ने एक बार फिर खराब शुरुआत से उबर कर शानदार प्रदर्शन किया लेकिन खिताबी दौड़ में चूक गयी तो वही पूरे सत्र में प्रभावित करने वाली शुभमन गिल की टीम गुजरात टाइटंस ने बड़े मौकों पर घुटने टेक दिए। आईपीएल के 18वें सत्र का आगाज मार्च के आखिरी सत्र में हुआ और इसका समापन मंगलवार को रोमांचक फाइनल मुकाबले के साथ हुआ। आरसीबी ने फाइनल में पंजाब किंग्स को छह रन से हराकर वर्षों की मेहनत और निराशा के बाद पहली बार खिताबी जीत दर्ज की। इस जीत के मायने टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली की नम आंखों को देखकर समझा जा सकता है। इस साल आईपीएल के 74 मैचों में एक टीम को चैंपियन बनने में इतने ही दिन लगे, लेकिन बाकी नौ टीमों को 2026 के सत्र के लिए काफी मेहनत करनी होगी। क्रिकेट की सबसे लोकप्रिय लीग के18वें सीजन का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है। =============== कोहली की आंखें खुशी से नम हुई: कोहली बल्लेबाजी करते समय ज्यादा तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे। उन्होंने 35 गेंद में 43 रन की पारी के दौरान सिर्फ तीन चौके लगाये। आसीबी के ज्यादातर बल्लेबाज अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे ऐसे में लग रहा था कि किस्मत एक बार फिर इस टीम से रूठेगी। आसीबी के गेंदबाजों ने हालांकि कृणाल पंड्या की अगुवाई में अपेक्षाकृत कम बड़े स्कोर का शानदार तरीके से बचाव कर टीम को ऐसी यादगार जीत दिलाई जो लंबे समय तक फ्रेंचाइजी और प्रशंसकों की यादों में रहेगी। टीम की जीत तय होती ही कोहली का नम आंखों के साथ घुटनों के बल बैठना इस खिताब की उनकी बेकरारी को बताता है। आईपीएल में किसी एक टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड कोहली के नाम है । कोहली ने आरसीबी के लिए 18 सत्र में 9,085 रन बनाये है। उन्होंने आईपीएल के इस सत्र में 657 रन बनाये। वह इस लीग में पांच बार से ज्यादा 600 रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी है। भविष्य में किसी भी खिलाड़ी के लिए किसी एक टीम के लिए कोहली के रिकॉर्ड की बराबरी करना काफी मुश्किल होगा। =============== पंजाब किग्स का शानदार अभियान: पिछले एक साल में श्रेयस अय्यर (604 रन, छह अर्धशतक, औसत 50.33) के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वह बल्लेबाज और कप्तान दोनों के रूप में शानदार खिलाड़ी है। यह देखकर कोई आश्चर्य नहीं हुआ कि वह अमूमन संघर्ष करने वाली इस टीम में बदलाव के सूत्रधार थे। मजबूत इच्छाशक्ति के अय्यर और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग जैसे सख्त हेड कोच के साथ पंजाब की युवा टीम अपने आक्रामक खेल से फाइनल में पहुंची। टीम खिताब जीतने से महज छह रन से चूक गयी लेकिन उसने यह सुनिश्चित किया कि उसे अब इस लीग में खिताब के दावेदारों में गिना जाएगा। =============== मुंबई इंडियंस का उतार-चढ़ाव जारी: मुंबई की टीम ने 2020 में अपना पांचवां आईपीएल खिताब जीता था। टीम इसके बाद प्रदर्शन में निरंतरता रखने में सफल नहीं रही है। यह टीम 2021 में पांचवें, 2022 में 10वें, 2023 में चौथे, 2024 में 10वें और 2025 में चौथे स्थान पर रही। मौजूदा सत्र में भी पहले पांच मैचों में चार हार के बाद खराब स्थिति में थी लेकिन कप्तान हार्दिक पांड्या की टीम ने अगले छह मैचों में जीत हासिल करने के लिए जोरदार वापसी की। सूर्यकुमार यादव (717 रन) के रूप में मुंबई इंडियंस के किसी बल्लेबाज ने पहली बार आईपीएल में 700 रन का आंकड़ा पार किया। =============== गिल की गुजरात टाइटंस अहम मैचों में चुनौती देने में नाकाम रही: साई सुदर्शन, शुभमन गिल, जोस बटलर और प्रसिद्ध कृष्णा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टाइटंस ने लीग चरण में दबदबा बनाया, लेकिन अंतिम चरण में उनकी लय कम हो गई। टीम के लिए एक समय शीर्ष दो में जगह बनाना महज औपचारिकता लग रही थी लेकिन वह तीसरे स्थान पर रही और एलिमिनेटर में मुंबई इंडियंस से हार गयी। =============== युवा खिलाड़ियों ने बिखेरी चमक: राजस्थान रॉयल्स के के वैभव सूर्यवंशी 13 साल के थे जब उन्हें मेगा नीलामी में चुना गया था। वह मई में 14 साल की उम्र में गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों पर आईपीएल का सबसे तेज शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय और दूसरे सबसे तेज शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। अभिषेक शर्मा और पंजाब किंग्स के अनकैप्ड प्रियांश आर्य भी मौजूदा सत्र में शतक लगाने वालो में शामिल थे। आर्य ने पहले आईपीएल शतक के साथ चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजों को परेशान किया। पंजाब के प्रभसिमरन सिंह और चेन्नई सुपर किंग्स के 17 साल के आयुष म्हात्रे ने अपने बल्ले से काफी प्रभावित किया। =============== एचआरएच का अतिआक्रमक रवैया नहीं चला: पिछले साल की उपविजेता सनराइजर्स हैदराबाद एक बार फिर सबसे आक्रामक बल्लेबाजी लाइन-अप के साथ उतरी थी। टीम इस सत्र में बुरी तरह से विफल रही। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ टीम ने छह विकेट पर 286 रन के साथ लीग का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद केकेआर के खिलाफ तीन विकेट पर 278 रन बनाये। इसके बाद ऐसा लगा कि टीम के बल्लेबाजों के पास कोई वैकल्पिक योजना नहीं है। =============== चेन्नई सुपर किंग्स ने देर से युवाओं पर भरोसा करना शुरू किया: पुरानी कहावत है कि बदलाव प्रकृति का नियम है और चेन्नई सुपर किंग्स ने इसे समझने में काफी देर कर दी। फ्रेंचाइजी ने युवा प्रतिभाओं मौका देने का फैसला तो किया लेकिन काफी देर से। टीम को 17 साल के म्हात्रे के तौर पर शानदार सलामी बल्लेबाज मिला तो वही डेवाल्ड ब्रेविस ने आक्रामक बल्लेबाजी से प्रभावित किया। अफगानिस्तान के 20 साल के नूर अहमद आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़कर टीम के सबसे सफल स्पिनर रहे। =================== साई सुदर्शन ने दिखाई कमाल की परिपक्वता: सुदर्शन ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी वाले इस प्रारूप में जोखिम रहित आक्रमण के साथ रन बनाकर दिखा दिया की मजबूत तकनीक का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने 54.21 की औसत और 156.17 की स्ट्राइक रेट से एक शतक और छह अर्धशतक सहित 759 रन बनाकर ऑरेंज कैप जीती। उन्होंने साबित किया कि इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए राष्ट्रीय टीम में बुलाए जाने के हकदार है। ====================== राजस्थान रॉयल्स और केकेआर का भूलने वाला सत्र: संजू सैमसन की फिटनेस और फॉर्म के कारण राजस्थान रॉयल्स के लिए मौजूदा सत्र बेहद ही निराशाजनक रहा। टीम को जोस बटलर, अश्विन, युजवेंद्र चहल और ट्रेंट बोल्ट जैसे खिलाड़ियों को छोड़ने का खामियाजा भुगतना पड़ा। टीम पूरे सत्र में संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करती रही। केकेआर के लिए कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अकेले दम पर लड़ाई लड़ी, लेकिन फ्रैंचाइजी के सबसे महंगे खिलाड़ी और उप-कप्तान वेंकटेश अय्यर के लिए यह सत्र खराब रहा। =============== शानदार शुरुआत करने वाली दिल्ली कैपिटल्स औंधे मुंह गिरी: कैपिटल्स को शुरू में ऐसा लग रहा था कि वे कोई गलती नहीं करेंगे, लेकिन जब बात निरंतरता और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की आई तो यह टीम पिछड़ती चली गयी। दिल्ली ने पहले छह मैचों में पांच जीत के साथ शुरुआत की और तालिका में शीर्ष पर पहुंच गए। टीम अगले आठ में से पांच मैच गंवाने के बाद खिताब की दौड़ से जल्दी बाहर हो गयी। ========================= लखनऊ सुपरजायंट्स के लिए मार्श और पूरन ने किया अच्छा प्रदर्शन: ऋषभ पंत का बल्ले से खराब प्रदर्शन, मध्यक्रम में विकल्प और गेंदबाजी में विविधता की कमी के कारण लखनऊ सुपरजायंट्स एक बार फिर प्लेऑफ से चूक गई। टीम के लिए मिचेल मार्श, निकोलस पूरन और एडेन मार्करम के साथ दिग्वेश राठी ने शानदार प्रदर्शन किये। भाषा आनन्द आनन्द
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