मुंबई, 10 अक्टूबर (भाषा) सर दोराबजी टाटा द्वारा 1920 एंटवर्प ओलंपिक में चंद भारतीय खिलाड़ियों का खर्च उठाने से लेकर अब तक टाटा समूह भारतीय खेलों में अपना योगदान देते आया है और खेलों को जीवनशैली का हिस्सा मानने वाले रतन टाटा ने तो कई खेलों को बढावा देने में आधार स्तंभ की भूमिका निभाई ।
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे।
उनके निधन से समूचे भारत में शोक की लहर है और खेल जगत भी इससे अछूता नहीं है ।
इंडियन प्रीमियर लीग के टाइटल प्रायोजन से लेकर तीरंदाजी जैसे कम लोकप्रिय खेल की मदद करने , इंडियन सुपर लीग में फुटबॉल टीम खरीदने से लेकर शीर्ष शतरंज टूर्नामेंट के प्रायोजन तक , टाटा समूह भारत में खेलों के इकोसिस्टम से गहराई से जुड़ा रहा है । यह जुड़ाव रतन टाटा के कार्यकाल में कई गुना बढा ।
जमशेदपुर में 1991 में स्थापित जेआरडी टाटा खेल अकादमी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा ,‘‘ उनका हमेशा से मानना था कि खेल जीवनशैली का हिस्सा है और हमने भी इसका अनुकरण किया । हम फुटबॉल, हॉकी, तीरंदाजी, घुड़सवारी, कराटे समेत 19 खेलों से जुड़े रहे हैं ।’’
सर दोराबजी टाटा भारतीय ओलंपिक संघ (1924) के पहले अध्यक्ष थे । उन्होंने ट्रैक और फील्ड में चार और कुश्ती में दो भारतीय खिलाड़ियों को एंटवर्प ओलंपिक भेजने का खर्च उठाया और पुणे में उनके ट्रायल आयोजित करने में भी मदद की ।
शतरंज का विम्बलडन कहा जाने वाला टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट हर साल नीदरलैंड के विज्क आन जी में खेला जाता है ।
पांच बार के विश्व चैम्पियन भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने एक्स पर लिखा ,‘‘ अत्यंत दु:ख के साथ हम उद्योग और परोपकार के दिग्गज को अलविदा कह रहे हैं। हमने एक साथ अपना पद्म विभूषण पाया और मैं उनकी विनम्रता और सौम्य स्वभाव से काफी प्रभावित हुआ ।’’
उन्होंने लिखा ,‘‘ शतरंज जगत उन परंपराओं का बहुत आभारी है जो टाटा समूह से करीब से जुड़ी हैं । हालैंड में टाटा स्टील शतरंज ने हम खिलाड़ियों को काफी गौरवान्वित किया । खासकर जब कोरस से टाटा ने इसका प्रायोजन लिया और बाद में टाटा स्टील शतरंज इंडिया के साथ नयी परंपरा शुरू की ।’’
आनंद ने लिखा ,‘‘ शतरंज जगत और मैं रतन टाटा को श्रृद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हम सभी के जीवन को छुआ और समाज के भले के लिये हमेशा खड़े रहे ।’’
टाटा फुटबॉल अकादमी 1987 में टाटा स्टील के तत्कालीन अध्यक्ष रूसी मोदी ने रतन टाटा के समर्थन से शुरू की । नब्बे के दशक की शुरूआत से इस अकादमी से भारत के खिलाड़ी निकल रहे हैं जिनमें पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे, रेनेडी सिंह, दीपेंदु बिश्वास और किरण खोंगसाइ शामिल हैं ।
जेआरडी खेल परिसर से जुड़े एक अधिकारी ने कहा ,‘‘ 2017 में आईएसएल में जमशेदपुर एफसी के लांच के समय रतन टाटा मौजूद थे । उन्होंने खिलाड़ियों और कोचों से बात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई । खिलाड़ियों ने उन्हें अपने आटोग्राफ वाली जर्सी भी दी ।’’
वह 2019 में जमशेदपुर में हॉकी अकादमी के उद्घाटन के मौके पर भी गए थे और शायद यह उनकी वहां आखिरी यात्रा थी ।
हॉकी इंडिया ने कहा ,‘‘ आपके नजरिये और देश के लिये असीम योगदान को कभी भुलाया नहनीं जा सकेगा । आपकी विरासत अनंतकाल तक हम सभी के साथ रहेगी । हॉकी इंडिया आधुनिक भारत के पुरोधाओं में शामिल रतन नवल टाटा को श्रृद्धांजलि देता है ।’’
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ अपने जीवन और निधन से श्री रतन टाटा ने देश को हिला दिया है । मैं भाग्यशाली हूं कि उनके साथ समय बिताने का मौका मिला लेकिन लाखों लोग, जो उनसे कभी नहीं मिले, वही दुख महसूस करते हैं जो मैं आज महसूस कर रहा हूं। उनका प्रभाव ही ऐसा है ।’’
ओलंपिक ट्रैक और फील्ड में भारत के लिये एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने लिखा ,‘‘ श्री रतन टाटा जी के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं । वह दूरदृष्टा थे और उनके साथ हुई बातचीत मैं कभी भुला नहीं सकूंगा। उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया । मैं उनके परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूं । ओम शांति ।’’
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने लिखा ,‘‘ रतन टाटा सर आपकी विरासत हमेशा साथ रहेगी ।’’
भाषा मोना नमिता
नमिता
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