नवी मुंबई, 23 जनवरी (भाषा) भारत को रविवार को यहां एएफसी महिला एशियाई कप से बाहर होने के लिये बाध्य होना पड़ा क्योंकि उसकी 12 खिलाड़ियों के कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आने के बाद चीनी ताइपे के खिलाफ का ग्रुप ए मैच शुरू होने से चंद मिनट पहले ही रद्द करना पड़ा।
कोविड मामलों के आलवा दो खिलाड़ी चोटिल होने के कारण बाहर हो गयी थीं।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए टूर्नामेंट का अनुच्छेद 4.1 का नियम लागू होगा जो स्पष्ट करता है कि अगर टीम एक मैच के लिये इकट्ठा नहीं हो पाती है तो इसका मतलब होगा कि ‘‘उसने संबंधित टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। ’’
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने भी बयान जारी करके घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की लेकिन हैरानी की बात है कि उन्होंने टीम की टूर्नामेंट में स्थिति स्पष्ट नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उतने ही निराश हैं जितना शायद पूरा देश इस समय इस अवांछित स्थिति के पैदा होने से होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि खिलाड़ियों का स्वास्थ्य हमारे लिये सर्वोपरि है और किसी भी परिस्थितियों में इससे समझौता नहीं किया जा सकता। मैं सभी संक्रमित खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों के जल्द से जल्द पूर्ण रूप से ठीक होने की कामना करता हूं। एआईएफएफ और एएफसी उनका पूरा समर्थन करेगा। ’’
कोविड-19 के कई पॉजिटिव मामलों के कारण भारत ग्रुप ए मैच में चीनी ताइपे के खिलाफ जरूरी न्यूनतम 13 खिलाड़ियों के नाम देने में विफल रहा। चीनी ताइपे की टीम मैदान पर वार्म-अप कर रही थी लेकिन भारतीय टीम का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था।
भारत को बुधवार को अपना अंतिम ग्रुप मैच चीन के खिलाफ खेलना था लेकिन इसके भी होने की संभावना नहीं है क्योंकि टीम के पास शुरुआती एकादश उतारने के लिये पर्याप्त खिलाड़ी नहीं हैं।
नाकआउट 30 जनवरी से शुरू होंगे जिससे टूर्नामेंट के आयोजकों के लिये कार्यक्रम में फेरबदल करना असंभव हो गया है।
कोविड-19 महामारी के दौरान एएफसी प्रतियोगिताओं के लिये ‘विशेष नियम’ के अनुच्छेद 4.1 के मुताबिक, ‘‘ अगर भाग लेने वाली टीम/ प्रतिभागी क्लब के पास किसी भी कारण (कोविड-19 से संबंधित या नहीं) से एक मैच के लिये 13 से कम प्रतिभागी खिलाड़ी (जिसमें एक गोलकीपर शामिल हो) उपलब्ध हैं तो वह मैच में हिस्सा नहीं ले सकती। ’’
इसके अनुसार, ‘‘इस स्थिति में प्रतिभागी टीम या प्रतिभागी क्लब मैच के आयोजित नहीं होने के लिये जिम्मेदार होगा और माना जायेगा कि उसने संबंधित टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। ’’
एएफसी ने कहा कि टूर्नामेंट कार्यक्रम के अनुसार ही जारी रहेगा जिसमें ग्रुप की विजेता, उप विजेता और तीसरे स्थान पर रहने वाली दो सर्वश्रेष्ठ टीमें क्वार्टर फाइनल के लिये क्वालीफाई करेंगी।
इसके अनुसार, ‘‘भारत-चीनी ताइपे मैच का मामला अब लागू दिशानिर्देशों के अनुसार संबंधित एएफसी समिति को रेफर किया जायेगा। ’’
यह मैच डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाना था।
टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में भारत को ईरान से गोलरहित ड्रा से संतोष करना पड़ा था और इस मैच से पहले भी टीम में दो कोविड-19 पॉजिटिव मामले सामने आये थे जिन्हें पृथकवास के लिये चिकित्सा सुविधा में भेज दिया गया था।
एएफसी ने कहा कि उसकी चिकित्सा टीम स्थानीय आयोजन समिति और एआईएफएफ के साथ मिलकर काम करती रहेगी।
उसने कहा, ‘‘संक्रमित खिलाड़ियों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जायेगी। ’’
मौजूदा टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली सभी टीमें सीधे 2023 फीफा विश्व कप के लिये क्वालीफाई करेंगी।
भाषा नमिता आनन्द
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