(कुशान सरकार)
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) राशिद खान स्पिनर के शरीर में तेज गेंदबाज की मानसिकता के साथ उतरते हैं और गुगली तथा लेग ब्रेक को लगभग 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से फेंकने के दौरान कोई समझौता नहीं करते।
अफगानिस्तान का यह स्पिनर टी20 क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में शामिल है जिनकी वैश्विक लीग में काफी मांग है। वह 312 मैच में 436 विकेट चटका चुके हैं।
राशिद ने गुजरात टाइटंस की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग के अपने पहले मैच में 27 रन देकर एक विकेट चटकाया और उन्हें उम्मीद है कि वह सनराइजर्स हैदराबाद की फॉर्म को हार्दिक पंड्या की अगुआई वाली फ्रेंचाइजी की ओर से दोहराने में सफल रहेंगे।
राशिद से जब यह पूछा गया कि वह दिल से एक आक्रामक तेज गेंदबाज हैं या कुछ नया इजाद करने का प्रयास करने वाले वैज्ञानिक तो उन्होंने पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं जिस गति से गेंदबाजी करता हूं उसके कारण मैं ‘स्पिन फास्ट’ गेंदबाज हूं। इतनी गति पर गेंद को स्पिनर कराना बेहद मुश्किल होता है और मुझे लगता है कि इसके लिए अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 96 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंदबाजी करता हूं। इतनी गति के साथ गेंद को टर्न कराना मुश्किल होता है लेकिन मैं गति को कम करके 70 से 75 किमी प्रति घंटा करने की जगह उतनी की गति के साथ गेंदबाजी करूंगा।’’
राशिद ने कहा, ‘‘मैं हमेशा तेज लेग स्पिन गेंदबाजी करने का प्रशंसक रहा हूं। मैं नेट्स पर सिर्फ अपनी गेंदबाजी के साथ विभिन्न प्रयोग करने का प्रयास करता हूं और इससे काफी मदद मिलती है।’’
बल्लेबाजों को जिस स्पिनर का सामना करने में लगातार परेशानी होती है उसे ‘रहस्यमयी स्पिनर’ का नाम दे दिया जाता है।
राशिद ने कहा, ‘‘मैं हमेशा खुद को लेग स्पिनर नहीं समझता क्योंकि स्पिनर कलाई का काफी इस्तेमाल करते हैं और मैं कलाई का इतना इस्तेमाल नहीं करता। मैं अपनी अंगुलियों का इस्तेमाल करता हूं और इसलिए मैं अंगुलियों का स्पिनर हूं।’’
राशिद ने कहा कि लगातार सही लेंग के साथ गेंदबाजी करने से गेंदबाज ‘रहस्यमयी’ बनता है क्योंकि इससे बल्लेबाज के दिमाग में भ्रम पैदा होता है।
इस लेग स्पिनर के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण उनकी मानसिकता है क्योंकि वह किसी भी स्थिति में टीम के लिए योगदान देने के लिए तैयार रहते हैं।
राशिद के अलावा विकेटकीपर-सलामी बल्लेबाज रहमानुल्लाह गुरबाज और स्पिनर नूर अहमद जैसे अफगानिस्तान के उभरते हुए स्टार भी गुजरात टाइटंस का हिस्सा हैं।
राशिद ने कहा, ‘‘उन दोनों के पास बहुत बड़ा मौका है। अफगानिस्तान की ओर से खेलते हुए मैं पहले ही उनके साथ इस बारे में चर्चा कर चुका हूं। बड़ी प्रतियोगिता के लिए आपको कैसी मानसिकता की जरूरत होती है, आपको पूरी तरह तैयार रहना होता है, मानसिक रूप से बेहद मजबूत।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दो महीने प्रत्येक कोच से सीखने के लिए काफी लंबा समय है। उन्हें मेरी सामान्य सी सलाह है-कभी नतीजे के बोर में नहीं सोचो, यह सब कुछ प्रक्रिया से जुड़ा है।’’
आईपीएल के मौजूदा सत्र के 70 में से 55 मुकाबले मुंबई में होने हैं और राशिद का मानना है कि यहां के हालात उनकी तरह के स्पिनरों के अनुकूल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य स्थलों की तुलना में यहां उछाल अधिक है लेकिन इसके बावजूद हमें अपना शीर्ष खेल दिखाना होगा। स्पिनरों को मुंबई में हमेशा मदद मिलती है लेकिन आपको अपना कौशल दिखाना होता है। ’’
वर्ष 2018 में टेस्ट क्रिकेट में अफगानिस्तान के पदार्पण के बाद से राशिद को सिर्फ पांच टेस्ट खेलने को मिले हैं जिसमें उन्होंने 34 विकेट चटकाए हैं।
अफगानिस्तान से काफी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिल रहा और जब राशिद से पूछा गया कि अगर 15 साल बाद वह टी20 के महानतम गेंदबाज के रूप में संन्यास लेते हैं तो क्या उन्हें खुशी होगी।
इस स्पिनर ने कहा, ‘‘15 साल लंबा समय है। आपको नहीं पता कि जब और किसी स्थिति में आपका करियर खत्म होगा। जीवन में क्या होगा यह बताया नहीं जा सकता, आपको नहीं पता कि अगले ही लम्हे में क्या होने वाला है।’’
राशिद ने हालांकि उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान को अधिक टेस्ट खेलने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्य की बात है कि हमें लंबे प्रारूप के मैच खेलने का मौका नहीं मिल रहा। इस प्रारूप में खेलना मुझे पसंद है। उम्मीद करता हूं कि अगले पांच साल में चीजें बदलेंगी।’’
राशिद ने कहा, ‘‘जिससे कि मैं अफगानिस्तान के लिए साल में कम से कम पांच से 10 टेस्ट मैच प्रति वर्ष खेल पाऊं।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता
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