नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने बुधवार को भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) के दैनिक मामलों की देखरेख के लिए तदर्थ प्रशासनिक समिति (एएसी) की नियुक्ति पर रोक लगाकर खेल संस्था का नियंत्रण 2019 को चुनी गयी कार्यकारी समिति को वापस दे दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजस्थान घुड़सवारी संघ (आरईए) द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए 24 मई को ईएफआई का रोजमर्रा का कामकाज देखने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नज्मी वजीरी की अध्यक्षता वाले तदर्थ पैनल की नियुक्ति का आदेश दिया था।
महासंघ ने एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ पेटेंट अपील दायर की थी और उसे मनमुताबिक फैसला भी मिला।
अदालत ने 20 सदस्यीय कार्यकारी समिति को नियंत्रण वापस दिया जिसने 2019 चुनाव के बाद कामकाज संभाला था।
कर्नज जयवीर सिंह अब ईएफआई के महासचिव के तौर पर जारी रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। हम अदालत का धन्यवाद करते हैं कि उसने हमारी चिंतायें सुनी और इस मामले में न्याय किया। यह ओलंपिक का महत्वपूर्ण वर्ष है और हम अपने खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ संभव सहयोग मुहैया कराने पर ध्यान लगाना चाहते हैं। इस फैसले से हमारी इस मुहिम को मदद मिलेगी। ’’
भारत ने अभी तक ड्रेसज स्पर्धा में पेरिस ओलंपिक का एक कोटा हासिल किया है जो एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अनुष अगरवाला ने दिलाया था।
निशानेबाजी और कुश्ती की तरह ओलंपिक कोटा राष्ट्रीय महासंघ के होते हैं।
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नमिता मोना
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