बातुमी (जॉर्जिया) 26 जुलाई (भाषा) युवा भारतीय अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने शनिवार को फिडे महिला विश्व कप फाइनल के पहले गेम में धैर्य का शानदार प्रदर्शन करते हुए दिग्गज कोनेरू हम्पी को बराबरी पर रोका।
विश्व रैपिड चैंपियन हम्पी का इस ड्रॉ के बावजूद पलड़ा भारी होगा क्योंकि वह काले मोहरों से खेल रही थी। दो-गेम के इस मिनी-मैच में क्लासिकल शतरंज नियमों के तहत दूसरे और अंतिम गेम में हम्पी सफेद मोहरों से खेलेंगी।
यह मुकाबला भी अगर बराबरी पर छूटा तो विजेता का निर्धारण करने के लिए कम अवधि के गेम खेले जाएंगे।
शुरुआती गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला लेकिन दोनों अपने मौकों को भुनाने में नाकाम रहे।
उन्नीस साल की दिव्या पर हम्पी ने शुरुआत में दबाव बना दिया था लेकिन नागपुर की खिलाड़ी ने जल्द ही वापसी की और कम्प्यूटर के मुताबिक 14वें चाल के बाद दिव्या का पलड़ा भारी था।
हम्पी ने हालांकि अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मैच पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी।
चीन के खिलाड़ियों के बीच हो रहे तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में पूर्व महिला विश्व चैंपियन झोंगयी टेन और शीर्ष वरीयता प्राप्त लेई टिंग्जी भी बराबरी पर छूटा।
भाषा आनन्द नमिता
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