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Friday, 20 December, 2024
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आईओए के मामले सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं: जूनियर खेल मंत्री खडसे

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नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने शुक्रवार को यहां कहा कि सरकार 2036 ओलंपिक खेलों के लिए मजबूत और सफल बोली सुनिश्चित करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में मतभेदों को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा का कार्यकारिणी के उन 12 सदस्यों के साथ तनातनी चल रही है जिन्होंने रघुराम अय्यर की आईओए के सीईओ के रूप में नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी है। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के सामने अच्छी छवि पेश नहीं हो रही है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत 2036 में होने वाले ओलंपिक खेल और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी की दौड़ में शामिल है।

भारत ने खेलों की मेजबानी करने के लिए आईओसी के भविष्य के मेजबान आयोग को आशय पत्र सौंप दिया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था के साथ कई बार की बातचीत के बाद भारत ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया।

खडसे ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर कोई मिलकर काम करने की कोशिश में लगा है और हम आईओए के मसलों को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मंत्रालय सभी मतभेद और मसलों को सुलझाने के लिए प्रयासरत है ताकि भारत में एक बड़ी खेल प्रतियोगिता के आयोजन का लक्ष्य हासिल किया जा सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हमें इस (ओलंपिक) बोली को सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ाने की जरूरत है।’’

भारत आईओसी को आशय पत्र सौंपने के साथ ही मेजबान चुनाव प्रक्रिया के अनौपचारिक संवाद से निरंतर संवाद चरण में पहुंच गया है।

खडसे ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारतीय खेलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और 2036 ओलंपिक की सफल बोली से देश में खेलों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘‘(ओलंपिक बोली) प्रक्रिया पूरी होने में बहुत समय लगता है। अंतिम निर्णय आईओसी के पास है। हमने राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, जो कि आईओए है, के माध्यम से अपनी बोली लगाई है। यह एक शुरुआत है। हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि ओलंपिक बड़ा मंच है।’’

खडसे ने कहा, ‘‘अगर हमें मेजबानी का अधिकार मिलता है, तो निश्चित रूप से यह भारत के लिए गर्व का क्षण होगा। भारत अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है और खासकर खेल के क्षेत्र में हम आने वाले दिनों में और अधिक काम करना चाहते हैं।’’

भाषा पंत नमिता

नमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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