नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी ने विश्व चैंपियनशिप के हमवतन भारतीय प्रतिद्वंद्वी डी गुकेश को चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पहले सलाह देते हुए कहा कि सिर्फ अपनी तैयारी पर ध्यान दो और खिताबी मुकाबले में उतरते हुए स्वयं को प्रबल दावेदार मत समझो।
सिंगापुर में 25 नवंबर से होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले लिरेन प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं जिससे गुकेश को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
इस साल सितंबर में 2799 की सर्वश्रेष्ठ रेटिंग के साथ इतिहास में 15वें सर्वाधिक रेटिंग अंक हासिल करने वाले खिलाड़ी एरिगेसी ने पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘अगर मैं गुकेश की जगह होता तो मैं यह नहीं सोचता कि मैं प्रबल दावेदार हूं। मैं सिर्फ अपनी तैयारियों पर ध्यान देता। और मुझे यकीन है कि गुकेश भी ऐसा करेगा।’’
मात्र 14 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह स्पष्ट है कि गुकेश प्रबल दावेदार है। दोनों के अपने मजबूत और कमजोर पक्ष हैं। लेकिन गुकेश प्रबल दावेदार है। इसका डिंग की फॉर्म से अधिक लेना देना है क्योंकि चीन का खिलाड़ी अच्छी लय में नहीं है।’’
हालांकि एरिगेसी का मानना है कि अगर लिरेन अपनी क्षमता के अनुरूप खेलते हैं तो यह कड़ा मुकाबला होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह (लिरेन) अपने सर्वश्रेष्ठ के आसपास का भी प्रदर्शन करता है तो यह बेहद रोमांचक मुकाबला होगा। और एक शतरंज प्रशंसक के रूप में मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा हो। मैं ही नहीं बल्कि कोई भी शतरंज प्रशंसक उम्मीद करेगा कि डिंग अच्छा प्रदर्शन करे और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाए जिससे कि यह रोमांचक मुकाबला हो।’’
एरिगेसी ने कहा, ‘‘लेकिन भारतीय होने के नाते मैं गुकेश का समर्थन करता हूं।’’
गुकेश ने हाल में जाने-माने मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन के साथ ट्रेनिंग की है जो भारतीय पुरुष क्रिकेट और हॉकी टीम के साथ भी काम कर चुके हैं। एरिगेसी का मानना है कि इससे इस किशोर भारतीय खिलाड़ी को विश्व चैंपियनशिप में मुश्किल लम्हों में मदद मिलेगी।
एरिगेसी ने कहा, ‘‘शतरंज मानसिक खेल है। मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में होना काफी महत्वपूर्ण है। हमने देखा था कि (रूस के ग्रैंडमास्टर) इयान नेपोमनियाची के साथ 2021 विश्व चैंपियनशिप मुकाबले (मैग्नस कार्लसन के खिलाफ) में क्या हुआ था। इसकी शुरुआत पांच ड्रॉ के साथ हुई लेकिन फिर नेपमनियाची ने छठी बाजी गंवाई और फिर उनकी चुनौती ध्वस्त होती चली गई।’’
एरिगेसी का मानना है कि पांच बार के विश्व चैंपियन कार्लसन को उनकी प्रतिभा शतरंज जगत में सभी से आगे रखती है। उन्होंने साथ ही कहा कि नॉर्वे का यह खिलाड़ी अपने विरोधियों को नर्वस कर देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि शतरंज के मामले में वह स्पष्ट रूप से बाकी खिलाड़ियों से अधिक मजबूत है। यह मुख्य कारण है। और इसके कारण कुछ अन्य चीजें भी उसके पक्ष रहती हैं, जैसे कि लोग उनके खिलाफ अधिक जोखिम नहीं उठाते। और यहां तक कि जब वे (कार्लसन के प्रतिद्वंद्वी) जीत रहे होते हैं तो वह नर्वस महसूस करते हैं।’’
विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज एरिगेसी ने कहा, ‘‘इसके कारण कार्लसन हार की स्थिति से भी खुद को बचाने में सफल हो जाते हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि मैग्नस के प्रतिद्वंद्वी (नर्वस नहीं होने पर) उसे अधिक बार हरा पाते लेकिन यह इससे उन्हें बेहतर मौका मिलता।’’
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करने से चूकना एरिगेसी के लिए सबसे बड़ी निराशाओं में से एक रहा है और भारत के 21 वर्षीय ग्रैंडमास्टर का कहना है कि इससे उन पर गहरा प्रभाव पड़ा।
इस साल की शुरुआत में टोरंटो में आठ पुरुषों की ‘ओपन’ प्रतियोगिता में रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा, गुकेश और विदित गुजराती ने जगह बनाई थी लेकिन एरिगेसी ऐसा करने में नाकाम रहे।
इसके बाद गुकेश ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान हासिल किया और लिरेन के साथ विश्व चैंपियनशिप खिताब के लिए भिड़ने का हक पाया।
भाषा सुधीर नमिता
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