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Saturday, 26 July, 2025
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दिल्ली सरकार ने पदक विजेताओं के नकद पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी की, सरकारी नौकरी का भी प्रावधान

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नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के प्रयास में दिल्ली सरकार ने मंगलवार को पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कारों में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की और देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी प्रदान करने का वादा किया।

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता के लिए इनामी राशि में 133 प्रतिशत की वृद्धि कर तीन करोड़ रुपये से सात करोड़ रुपये कर दी गई है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया कि दिल्ली देश का पहला राज्य है जो अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को ग्रेड ए सरकारी रोजगार के अवसर के साथ उच्चतम नकद पुरस्कार प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ अभियानों से प्रेरित हैं।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी भी पांच लाख रूपये तक की प्रशिक्षण सहायता के पात्र होंगे, जिसमें उतनी ही राशि का चिकित्सा बीमा भी शामिल है। शीर्ष खिलाड़ियों के लिए यह सहायता बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी जाएगी जिसमें ₹10 लाख तक का चिकित्सा बीमा कवरेज होगा।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और उसके सहयोगियों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रतिभागियों को यात्रा, आवास, भोजन और टूर्नामेंट पंजीकरण के लिए ₹दो लाख तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।

अधिकारियों के अनुसार, विजेताओं को दिल्ली का निवासी होना चाहिए।

मुख्यमंत्री गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली और अन्य राज्यों के बीच खिलाड़ियों को सहायता देने में मौजूदा असमानता को पाटने के लिए मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत नकद प्रोत्साहनों में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी मंत्री आशीष सूद ने संवाददाता सम्मेलन में दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत ऐतिहासिक फैसले लिए गए। ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेताओं को पहले तीन करोड़ रुपये, दो करोड़ रुपये और एक करोड़ रुपये दिए जाते थे लेकिन खेल पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने के लिए अब ओलंपिक तथा पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेताओं को सात करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को पांच करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को तीन करोड़ रुपये दिए जाएंगे।’’

इसी तरह एशियाई और पैरा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं को क्रमशः एक करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये और 50 लाख रुपये के मुकाबले तीन करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

राष्ट्रमंडल और पैरा राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं को पहले के 50 लाख रुपये के मुकाबले दो करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 40 लाख रुपये के मुकाबले डेढ करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के मुकाबले एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय और पैरा राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को 11 लाख रुपये, पांच लाख रुपये और तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। पहले, यह राशि क्रमशः तीन लाख रुपये, दो लाख रुपये और एक लाख रुपये थी।

दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार ने सरकारी नौकरी प्रावधान भी शुरू किया है। इसमें ओलंपिक खेलों में स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए ग्रुप ए की नौकरियों का प्रावधान है।

ग्रुप बी की नौकरियां ओलंपिक कांस्य पदक विजेताओं, पैरालंपिक पदक विजेताओं, एशियाई खेलों के रजत और कांस्य पदक विजेताओं, पैरा एशियाई स्वर्ण पदक विजेताओं और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को प्रदान की जाएगी।

ग्रुप सी की नौकरियाँ पैरा एशियाई खेलों में रजत और कांस्य पदक विजेताओं, राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक विजेताओं और पैरा राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेताओं को प्रदान की जाएंगी।

अधिकारियों के अनुसार पदक विजेताओं को ग्रुप ए की नौकरियां देने के लिए सरकार को यूपीएससी से संपर्क करना होगा क्योंकि वे निकाय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले युवा खिलाड़ियों को कोचिंग और प्रशिक्षण के लिए पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। यह मानदेय कक्षा छह से 12 तक के छात्रों को दिया जाएगा।

सूद ने कहा कि पहले राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं को तीन लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को दो लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को एक लाख रुपये दिए जाते थे लेकिन अब सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में कोई भी पदक जीतने पर 11 लाख रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले ‘एलीट खिलाड़ियों’ को सरकार प्रति वर्ष 20 लाख रुपये प्रदान करेगी।

 सूद ने यह भी घोषणा की कि मुख्यमंत्री डिजिटल योजना के तहत युवाओं के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को मुफ्त लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे अंकों के साथ दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले 1,200 मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे। इससे वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को लाभ होगा।’’

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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