बर्मिंघम, एक अगस्त (भाषा) स्नैच में कम भार उठाने और क्लीन एवं जर्क में गलती का खामियाजा अजय सिंह (81 किग्रा) को सोमवार को यहां उठाना पड़ा जब यह भारोत्तोलक पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेते हुए मामूली अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गया।
पच्चीस साल के अजय पुरुषों की 81 किग्रा स्पर्धा में कुल 319 किग्रा (143 किग्रा और 176 किग्रा) वजन उठाकर चौथे स्थान पर रहे।
घरेलू दर्शकों को इंग्लैंड के क्रिस मरे ने निराश नहीं किया और कुल 325 किग्रा (144 किग्रा और 181 किग्रा) वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों के नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
ऑस्ट्रेलिया के काइल ब्रूस ने कुल 323 किग्रा (143 किग्रा और 180 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक जीता जबकि कनाडा के निकोलस वाचोन ने 320 किग्रा (140 किग्रा और 180 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
अजय ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की कोशिश की लेकिन आज का दिन मेरा नहीं था। कोई नकारात्मक विचार नहीं थे और कोच (विजय शर्मा) ने मुझे प्रेरित करना जारी रखा, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन पदक नहीं जीत पाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तीन सही प्रयास (स्नैच) किए और एक समय एक किग्रा से आगे चल रहा था। मैंने सोचा था कि क्लीन एवं जर्क में अपने अंतिम प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।’’
अजय की शुरुआत धीमी रही। उन्हें शुरूआती स्नैच प्रयास में संतुलन हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। भारतीय भारोत्तोलक बोर्ड खत्म होने से कुछ ही पहले रुक गया और तीन में से एक जज ने लाल बत्ती जला दी लेकिन 137 किग्रा के उनके प्रयास को अंततः वैध माना गया।
अजय ने दूसरे प्रयास में 140 किग्रा और फिर 143 किग्रा वजन उठाया जिससे वह स्नैच वर्ग समाप्त होने के बाद ब्रूस के साथ संयुक्त दूसरे स्थान पर थे। स्नैच में उनका तीसरा प्रयास हालांकि उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और राष्ट्रीय रिकॉर्ड से चार किलोग्राम कम था।
अजय से जब यह पूछा गया कि उन्होंने स्नैच में अधिक भार क्यों नहीं उठाया तो उन्होंने इसके लिए चोट को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 2020 में कंधे की सर्जरी की करानी पड़ी। मैं लगभग 95 प्रतिशत फिट था। मुझे पूरी तरह से उबरने में कुछ समय लगेगा। राष्ट्रीय खेल और विश्व चैंपियनशिप तक मजबूत वापसी की उम्मीद है।’’
अजय ने कहा, ‘‘यहां ठंड है और इस तरह के मौसम में मुझे कंधे को लेकर समस्या होती है। मैं आश्वस्त था लेकिन अंदेशा था और मैं कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता था।’’
क्लीन एवं जर्क में अजय ने 172 किग्रा के साथ शुरुआत की और फिर चार किग्रा वजन उठाकर 176 किग्रा वजन उठाया। उन्हें दूसरे प्रयास को सफल बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अजय, ब्रूस, मरे और वाचोन के बीच शीर्ष तीन स्थान के लिए चौतरफा लड़ाई थी। अंत में स्नैच में कम वजन उठाने और क्लीन एवं जर्क में अंतिम प्रयास में 180 किग्रा का असफल प्रयास अजय को महंगा पड़ा और वह पोडियम पर जगह बनाने से चूक गए।
भाषा सुधीर मोना
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