नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अपील समिति द्वारा शनिवार को दूसरे स्थान पर रहने वाली इंटर काशी के खिलाफ फैसला सुनाए जाने के बाद चर्चिल ब्रदर्स को आई-लीग चैंपियन घोषित किया गया और उन्हें इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में प्रोमोट किया गया।
चर्चिल ब्रदर्स छह अप्रैल को मैचों के अंतिम दौर के बाद आई-लीग तालिका (40 अंक) में शीर्ष पर रहा था। लेकिन खिताब और आईएसएल में ऐतिहासिक प्रोमोशन (पदोन्नति) के लिए उनका इंतजार एआईएफएफ की अपील समिति के फैसले पर निर्भर था जिसे दूसरे स्थान पर रहने वाली इंटर काशी (39 अंक) से जुड़े मामले का फैसला करना था।
विवाद 13 जनवरी को इंटर काशी के नामधारी एससी के खिलाफ मैच से संबंधित था। इसमें नामधारी ने 2-0 से जीत दर्ज की थी।
लेकिन बाद में एआईएफएफ अनुशासन समिति ने फैसला सुनाया कि नामधारी ने एक अयोग्य खिलाड़ी को मैदान में उतारा था। समिति ने इंटर काशी को 3-0 से जीत के साथ तीन अंक दिए।
हालांकि बाद में एआईएफएफ अपील समिति ने अंतिम सुनवाई तक इस फैसले को स्थगित रखा। अगर इंटर काशी को तीन अंक दिए जाते तो वह आई-लीग खिताब जीत लेता क्योंकि तब उसके पास 42 अंक होते।
एआईएफएफ अपील समिति को 28 अप्रैल को मामले की सुनवाई करनी थी लेकिन तारीख को आगे बढ़ाकर 12 अप्रैल कर दिया गया।
नामधारी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील बीमारी का हवाला देते हुए सुनवाई के लिए नहीं आए और एआईएफएफ अपील समिति ने फैसला नहीं सुनाया।
शुक्रवार को एक और सुनवाई के बाद एआईएफएफ अपील समिति ने अनुशासन समिति के आदेश को खारिज कर दिया और नामधारी के पक्ष में फैसला सुनाया।
एआईएफएफ अपील समिति के फैसले में कहा गया है, ‘चर्चिल ब्रदर्स एफसी गोवा, इंटर काशी और नामधारी एफसी ने क्रमशः 40 अंक, 39 अंक और 32 अंक प्राप्त किए हैं। तदनुसार आई लीग 2024-25 में चर्चिल ब्रदर्स एफसी गोवा, इंटर काशी और नामधारी एफसी अंक तालिका में क्रमशः नंबर 1, नंबर 2 और नंबर 6 पर हैं।’’
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश टंडन की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, ‘‘चूंकि आई-लीग छह अप्रैल 2025 को समाप्त हो गई है इसलिए एआईएफएफ को क्रमशः प्राप्त अंकों के अनुसार पदक वितरण समारोह आयोजित करके तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है। ’’
भाषा नमिता सुधीर
सुधीर
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.