चेन्नई, 16 मार्च (भाषा) यूक्रेन पर हमले के कारण रूस से मेजबानी छीने जाने के बाद 44वें शतरंज ओलंपियाड का आयोजन इस साल चेन्नई में होगा।
वर्ष 2013 में विश्व चैंपियनशिप के आयोजन के बाद यह दूसरा बड़ा वैश्विक शतरंज टूर्नामेंट है जो भारत में आयोजित होगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार रात ट्विटर पर इसकी घोषणा की।
स्टालिन ने ट्वीट किया, ‘‘बेहद खुशी है कि भारत की शतरंज राजधानी 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने जा रही है। तमिलनाडु के लिए गौरवपूर्ण क्षण। चेन्नई दुनिया भर के किंग और क्वीन का गर्मजोशी से स्वागत करता है। शतरंज ओलंपियाड 2022।’’
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘यह अब आधिकारिक है… भारत 44वें विश्व शतरंज ओलंपियाड 2022 की मेजबानी चेन्नई में करेगा।’’
एआईसीएफ ने टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए शतरंज की वैश्विक संचालन संस्था को एक करोड़ डॉलर की गारंटी राशि सौंपी है। पड़ोसी यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद 24 फरवरी को देश से ओलंपियाड की मेजबानी छीन ली गई थी।
शतरंज ओलंपियाड प्रत्येक दो साल में होने वाली टीम प्रतियोगिता है जिसमें लगभग 190 देश की टीम दो हफ्ते के टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं। पहले इसका आयोजन मॉस्को में 26 जुलाई से आठ अगस्त तक होना था।
इसके अलावा रूस से दिव्यांगों के लिए पहले शतरंज ओलंपियाड और 93वीं फिडे कांग्रेस की मेजबानी भी छीन ली गई है।
भारत ने पिछली बार इतने बड़े स्तर के टूर्नामेंट की मेजबानी 2013 में विश्वनाथन आनंद और दुनिया के मौजूदा नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व चैंपियनशिप मुकाबले के रूप में की थी।
एआईसीएफ के अध्यक्ष डॉ. संजय कपूर ने कहा, ‘‘हमें यह मौका दिया जाना बहुत की गर्व और जिम्मेदारी की बात है और हम इसे बेहद सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए देश का पूरा शतरंज जगत एकजुट होने के लिए तैयार है।’’
एआरईसीएफ सचिव भरत सिंह चौहान ने कहा, ‘‘मैं अब जीवन में किसी चीज की शिकायत नहीं कर सकता। दुनिया के सभी देशों को अब उस देश में एक ही छत के नीचे आने का शानदार मौका मिलेगा जहां शतरंज का जन्म हुआ था। एमके स्टालिन को धन्यवाद, माननीय मुख्यमंत्री ने इस सपने को साकार किया।’’
प्रतियोगिता आयोजन ओपन और महिला दोनों वर्ग में 11दौर में किया जाएगा और इसमें 2000 से अधिक खिलाड़ियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। यह टीम स्पर्धा है जिसमें दोनों वर्ग में प्रत्येक टीम में पांच खिलाड़ियों और एक ट्रेनर को शामिल करने की स्वीकृति होती है।
विश्व चैंपियन कार्लसन कई बार नॉर्वे के लिए इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं और दुनिया के लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मौजूद रहते हैं।
पिछले ओलंपियन का आयोजन आनलाइन किया गया था और भारत स्वर्ण पदक का संयुक्त विजेता रहा था।
इस बार टीम की अगुआई आनंद करेंगे जिन्हें पी हरिकृष्णा और विदित गुजराती का सहयोग मिलना तय है।
टीम के अन्य दो सदस्य तय नहीं हैं लेकिन अर्जुन एरिगेसी, निहाल सरीन जैसे युवा खिलाड़ियों के अलावा बी अधिबान, शशिकिरण और कुछ अन्य का दावा मजबूत है।
एआईसीएफ के नियमों के अनुसार ओपन वर्ग में टीम चयन को लेकर अंतिम फैसला एक मई को होगा।
महिला वर्ग में कोनेरू हंपी भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी जबकि डी हरिका और आर वैशाली का खेलना लगभग तय है।
दो अन्य स्थानों के लिए तानिया सचदेव का दावा मजबूत है जबकि भक्ति कुलकर्णी और कुछ अन्य भी टीम में जगह बनाने की दावेदारी पेश करेंगे।
मेजबान के रूप में भारत अतिरिक्त टीम उतारने का हकदार है। वह दोनों वर्ग में जूनियर या ‘बी’ टीम उतार सकता है। एआईसएफ अंतिम फैसला एक मई को करेगा।
भाषा सुधीर पंत
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