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शनिवार, 17 मई, 2025
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सेंट जॉर्ज क्रिकेट मैदान पर संगीत और क्रिकेट का अनूठा संगम है ब्रास बैंड

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(मोना पार्थसारथी)

गक्बेरहा, 12 फरवरी (भाषा) कोई पेट्रो डीजल मैकेनिक है तो कोई हार्बर पर काम करता है तो कोई सेल्समैन है लेकिन हर मंगलवार और बृहस्पतिवार की शाम को ढाई घंटा ये सभी मिलकर संगीत का रियाज करते हैं । ऐसा संगीत जो यहां के ऐतिहासिक सेंट जॉर्ज पार्क क्रिकेट मैदान की विरासत बन चुका है ।

समंदर के किनारे बसा दक्षिण अफ्रीका का खूबसूरत शहर ( जिसे पहले पोर्ट एलिजाबेथ कहा जाता था ) यूं तो शांत और सुस्त सा दिखता है लेकिन इस अनूठे ब्रास बैंड की सुरलहरियों से देश के सबसे पुराने क्रिकेट मैदानों शुमार सेंट जॉर्ज पार्क में जबर्दस्त ऊर्जा और आनंद का संचार होता है ।

वर्ष 1994 से अब तक (2003 विश्व कप को छोड़कर ) हर क्रिकेट मैच में यह बैंड मौजूद रहा है । आम तौर पर क्रिकेटप्रेमियों को मैदान पर डीजे का तेज शोर वाला संगीत सुनने की आदत है लेकिन यहां उन्हें कैलिप्सो, जैज या आर्केस्ट्रा सुनने को मिलता है ।

एक जैसे कपड़ों में बैंड के बीस से अधिक संगीत के साधक सदस्यों को मैदान के ओल्ड स्टैंड पर लकड़ी की बनी सीटों पर तुरही, ड्रम या टुबा बजाते हुए देखा जा सकता है । घास पर आराम से पसरे दर्शक, अपनी मिनी क्रिकेट किट से पीछे क्रिकेट खेलते बच्चे और बैंड की धुनें इस मैदान पर क्रिकेट देखने के अनुभव को खास बनाती हैं ।

वर्ष 1998 में बैंड से जुड़े अर्ल स्मिथ ने भाषा से कहा ,‘‘ यह बैंड 1994 में इस मैदान को अलग माहौल देने के लिये पहली बार बजाया गया और प्रबंधन को यह पसंद आया जिसके बाद उन्होंने संस्थापकों से करार किया । इसके बाद से 2003 विश्व कप को छोड़कर हर मैच में यह बैंड बजा है ।’’

सेंट जॉर्ज पार्क पर मार्च 1889 में दक्षिण अफ्रीका में पहला टेस्ट खेला गया । दक्षिण अफ्रीका के एकाकीकरण से पहले आखिरी टेस्ट भी 1970 में यहीं खेला गया था । ब्रास बैंड का पहला मैच ईस्टर्न प्रोविंस और बॉर्डर के बीच 1994 में हुआ बेंसन एंड हेजेस मैच था ।

डीजल पेट्रो मैकेनिक अर्ल ने कहा कि उनका बैंड अपने आतिथ्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये मशहूर पोर्ट एलिजाबेथ में क्रिकेट का पर्याय बन गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हम अब पोर्ट एलिजाबेथ में क्रिकेट का चेहरा हैं । जब मैं इससे जुड़ा तब बैंड में कुछ ही सदस्य थे लेकिन अब 35 रजिस्टर्ड सदस्य हैं ।’’

हार्बर में काम करने वाले बेविन पहले क्रिकेट के शौकीन नहीं थे और 2014 में संगीत प्रेम के चलते बैंड से जूड़े ।

उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैं संगीत बजाता हूं तो सब कुछ भूल जाता हूं । पिछले दस साल में क्रिकेट में मेरी रूचि बढी है और एडेन माक्ररम मेरे प्रिय खिलाड़ी हैं जिनकी कप्तानी में सनराइजर्स ईस्टर्न केप ने दो बार एसए 20 खिताब जीता ।’’

जांद्रे ने कहा कि वे कितने भी व्यस्त क्यो ना हो, सप्ताह में दो बार अभ्यास करना नहीं भूलते ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हम हर मंलगवार और बृहस्पतिवार को शाम सात से 9 . 30 तक अभ्यास करते हैं । हमने केपटाउन में भी कार्निवाल में परफार्म किया था । नौकरी के बावजूद हम अभ्यास नहीं छोड़ते ।’’

वारेन 2003 में बैड से जूड़े जिनके अंकल भी बैंड के सदस्य थे ।

एमएस धोनी के मुरीद वारेन भारतीय टीम खासकर विराट कोहली से काफी प्रभावित हैं क्योंकि वे यहां जब भी खेलने आते हैं तो बैंड को धन्यवाद देना नहीं भूलते ।

भारत में आम चुनाव के कारण 2009 आईपीएल जब दक्षिण अफ्रीका में हुआ, तब सात मैच इस मैदान पर खेले गए थे ।

वारेन ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम जब यहां आई थी तब हमने विराट से बात की थी । हम टीम बस के जाने का इंतजार करते हैं । हर बार जाने से पहले भारतीय खिलाड़ी हमें धन्यवाद देने आते हैं । उन्हें यहां खेलना अच्छा लगता है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं एमएस धोनी का प्रशसंक हूं । क्रिकेट के मैदान पर और उससे बाहर भी वह वाकई कप्तान हैं । उम्मीद है कि एक दिन उनसे मिलूंगा । हमें वैसे तो समय कम ही मिलता है लेकिन अगली बार भारतीय टीम जब यहां होगी तो बॉलीवुड या पंजाबी गाना बजाने की कोशिश करेंगे ।’’

भाषा मोना

मोना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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