मुंबई, 26 मार्च (भाषा) महान क्रिकेटर कपिल देव को लगता है कि बुनियादी ढांचे में सुधार करने से क्रिकेट भारत में ‘नयी ऊंचाईयों’ तक पहुंच गया है और बेहतर सुविधायें देने से हॉकी जैसे खेलों को ओलंपिक में और पदक जीतने में मदद मिलेगी।
कपिल ने कहा, ‘‘एक देश के तौर पर हमें पहले बुनियादी ढांचा देने की जरूरत है। अगर हमारे पास यह है तो बच्चे अपनी पसंद के अनुसार खेल चुन सकते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘सुविधाओं बेहतर होने के परिणामस्वरूप क्रिकेट नयी ऊंचाईयों तक पहुंच गया। हालांकि अगर हम यही चीज अन्य खेलों के साथ भी करें जैसे कि 200 अतिरिक्त एस्ट्रो टर्फ होना, भारत हॉकी में अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक ओलंपिक पदक जीत लेगा। ’’
विश्व कप विजेता कप्तान ने एबीपी नेटवर्क के ‘वी आर द चैम्पियंस – पेशेंस, प्रीजरवेंस, प्रैक्टिस’ नाम के सत्र में ये सब बात कही जिसमें पूर्व भारतीय लंबी कूद एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज, पूर्व हॉकी कप्तान जफर इकबाल और 18 बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन लिएंडर पेस भी मौजूद थे।
खेलों को प्रोमोट करने की मानसिकता में बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 40 वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण चीज जो हुई है, मैं कहूंगा कि आज माता-पिता अपने बच्चों को मैदान पर लाते हैं और कहते हैं ‘इन्हें खिलाड़ी बनाओ’। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में, किसी भी माता-पिता के पास अपने बच्चों को मैदान पर लाने के लिये समय नहीं था। आज वे हमारे पास आते हैं और पूछते हैं कि क्या वे आईपीएल में खेल सकते हैं या फिर वे भारत के लिये खेल सकते हैं? ’’
अंजू ने ‘वैज्ञानिक समर्थन’ के बारे में कहा, ‘‘अगर माता-पिता बच्चे को भेजने के लिये तैयार नहीं तो हम उन्हें कैसे समर्थन कर सकते है। पहले तो कोच देखते हैं कि बच्चे में प्रतिभा है या नहीं। फिर हमें उन्हें वैज्ञानिक तरीके से परीक्षण करना होता है और फिर देखना होता है कि वे किस स्पर्धा के लिये अच्छे होंगे। ’’
ओलंपिक पदक विजेता पेस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ज्यादातर लोग समझते है कि ओलंपिक पदक शारीरिक फिटनेस की बदौलत जीते जाते हैं। वे सोचते हैं कि विश्व कप जीतने में तकनीक अहम है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह सिर्फ आपके दिमाग से होता है जो तय करता है कि आप जीतोगे या हारोगे। ’’
ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य इकबाल ने कहा कि तीन-चार दशक तक अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बाद मौजूदा टीम ने हॉकी में वापसी की ओर कदम बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि हमने 1948 लंदन ओलंपिक से 75 तक अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन पिछले 30 वर्षों में हम ज्यादा कुछ नहीं कर सके। लेकिन पिछले 30-40 वर्षो में यह टीम सर्वश्रेष्ठ है और इसने दुनिया को दिखाया कि हां, भारत हॉकी में वापसी कर रहा है। अब लोगों की खेलों में भागीदारी में भी बढ़ोतरी हुई है। ’’
भाषा नमिता मोना
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