पटना, 20 मई (भाषा) खिलाड़ी और कोच के रूप में बेहद अनुशासित पुलेला गोपीचंद ने यहां प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को प्रेरित करते हुए अनुशासन का महत्व बताया।
पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता 50 साल के गोपीचंद इंजीरियंग और मेडिसिन पाठ्यक्रम की प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से मुखातिब थे।
भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच गोपीचंद ने यहां ‘एलेन करियर इंस्टीट्यूट’ में छात्रों से कहा, ‘‘खेल हों या शिक्षा दोनों समान हैं। दोनों में अनुशासन और प्रतिबद्धता जरूरी है। समय के साथ इसमें मेंटर (मार्गदर्शक) की जरूरत भी जुड़ गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा के साथ जब ट्रेनिंग भी दी जाती है तब एक छात्र मौजूदा समय में प्रतिस्पर्धा में सक्षम बन पाता है। इसी तरह खेल में भी अगर अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ कोचिंग अच्छी हो तो खिलाड़ी आगे बढ़ता है।’’
ओलंपिक पदक विजेताओं साइना नेहवाल और पीवी सिंधू जैसी खिलाड़ियों को तैयार करने वाले हैदराबाद के गोपीचंद ने कहा कि उन्हें पटना जैसे शहरों के युवाओं का भविष्य उज्जवल नजर आता है।
उन्होंने कहा, ‘‘खेल में हमेशा एकतरफा नतीजे नहीं मिलते। कभी-कभी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ आप सर्वश्रेष्ठ हो सकते हो और कभी-कभी आपके सामने खड़ा खिलाड़ी बेहतर हो सकता है, इसका मतलब यह नहीं कि आप कड़ी मेहनत करना बंद कर हो।’’
भाषा सुधीर मोना
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