नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) भारत की स्टार महिला फुटबॉलर बाला देवी ने मंगलवार को युवा खिलाड़ियों को सलाह दी कि यदि वे सफलता हासिल करना चाहती हैं तो उन्हें ‘लड़कियां क्यों खेल रही हैं’ जैसी नकारात्मक टिप्पणियों को नजरअंदाज करके अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।
किसी यूरोपीय क्लब में खेलने वाली पहली महिला भारतीय फुटबॉलर बाला ने कहा कि इसमें परिवार का सहयोग बेहद महत्व रखता है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कहा, ‘‘मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया लेकिन समाज का दबाव बना रहा। लोग पूछते थे कि ‘लड़कियां क्यों खेल रही हैं? इससे क्या फायदा होगा?’’
बाला देवी ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता और मैंने बहुत बार ऐसी बातें सुनी लेकिन हमने कभी पलटकर जवाब नहीं दिया। जब मैं 2002 में अंडर -19 राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने गयी तो मणिपुर चैंपियन बन गया और मुझे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर का पुरस्कार मिला। तब से लोगों ने सवाल पूछने बंद कर दिये और वे मेरा समर्थन करने लगे।’’
भारतीय महिला टीम की कप्तान आशालता देवी ने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह से पुरुषों से कम नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी पुरुष से कम नहीं हैं और हम भी बहु-प्रतिभाशाली हैं। इसलिए यदि कोई भी आपको कम करके आंकता है तो आपको बस कड़ी मेहनत करनी है। ’’
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