नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) उभरती हुई टेबल टेनिस खिलाड़ी अर्चना कामथ भी अदालत की शरण में जाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गई हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चुनी गई टीम से बाहर किए जाने के बाद अर्चना ने यह कदम उठाया।
इस तरह बर्मिंघम में 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होने वाली प्रतियोगिता की टीम के चयन को लेकर गतिरोध बढ़ता जा रहा है।
अर्चना के शुरुआत में छूट देते हुए टेबल टेनिस टीम में शामिल किया गया था क्योंकि वह भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) की पात्रता को पूरी नहीं करती थी। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने हालांकि अचानक उन्हें टीम से बाहर कर दिया और उनकी जगह दीया चितले को टीम में जगह दी।
टीम से बाहर किए जाने से स्तब्ध अर्चना ने भारत सरकार, टीटीएफआई, भारतीय खेल प्राधिकरण और महिला टीम की अन्य सदस्यों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है। अर्चना महिला युगल में मनिका बत्रा के साथ दुनिया की चौथे नंबर की जोड़ी बनाती हैं।
उच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को 22 जून को सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष पेश होने को कहा है।
सीओए ने इससे पहले बेंगलोर में आठ सदस्यीय टीम की घोषणा की थी जिसमें महिला टीम को भारतीय खेल प्राधिकरण से स्वीकृति जरूरी थी।
शुरुआती सूची में चयन समिति ने महिला वर्ग में मनिका, अर्चना, श्रीजा अकुला और रीत रिष्या को चुना था जबकि चितले को स्टैंडबाई रखा गया था। पुरुष टीम में अनुभवी शरत कमल, जी साथियान, हरमीत देसाई और सानिल शेट्टी को जगह दी गई जबकि मानुष साह को रिजर्व खिलाड़ी रखा गया।
सीओए के फैसले कई खिलाड़ियों को रास नहीं आए और अर्चना से पहले चितले, मानुष साह और स्वस्तिका घोष ने अदालत की शरण में जाने का फैसला किया।
भाषा सुधीर आनन्द
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