(अमित कुमार दास)
नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) अपने पहले ही बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में चीन की खिलाड़ी को हराने के बाद 17 साल की अनमोल खरब को यह बोलने में कोई झिझक नहीं है कि वह भारतीय बैडमिंटन में स्वयं को अगली स्टार खिलाड़ी के रूप में देखती हैं।
फरीदाबाद की यह युवा खिलाड़ी कोर्ट के बाहर एक आम किशोरी की तरह जिंदादिल, बातूनी और बेपरवाह है लेकिन कोर्ट पर कदम रखते ही अनमोल किसी अनुभवी खिलाड़ी की तरह कड़ी प्रतिद्वंद्वी बन जाती हैं जिसका नजारा बुधवार को बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियन मैच के दौरान चीन की लाउ यू ने देखा।
अनमोल ने पीटीआई को मलेशिया के शाह आलम से दिए साक्षात्कार में कहा,‘‘मैं भारत के लिए पदक और खिताब जीतना चाहती हूं और अगर मैं अधिक अभ्यास और कड़ी मेहनत कर सकी तो मैं कमी को पूरा कर सकती हूं। मैं खुद को ऐसी खिलाड़ी (महिला एकल में अगली बड़ी स्टार) के तौर देखती हूं।’’
अनमोल के आत्मविश्वास का कारण भी है। बुधवार को जब वह कोर्ट पर उतरी तो भारत और चीन के बीच मुकाबला 2-2 से बराबर था और उन्होंने बेहद दबाव के बावजूद जीत दर्ज की।
गत राष्ट्रीय चैंपियन ने कहा, ‘‘यह अच्छा मुकाबला था। पहला गेम कड़ा था लेकिन दूसरे गेम में मैंने काफी गलतियां की। मैं शटल को नियंत्रित नहीं कर पाई। मैं पिछड़ रही थी लेकिन मेरा ध्यान सिर्फ शटल को कोर्ट के अंदर रखने और आक्रामक होकर खेलने पर था। मुझे खुशी है कि मैं मैच जीत पाई। ’’
अनमोल ने भले ही अपने प्रदर्शन की आलोचना की हो लेकिन पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार के अनुसार वह चीन के खिलाफ मुकाबले की स्टार थीं। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने भी इस मुकाबले के साथ अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में चोट के बाद वापसी की।
विमल ने बुधवार को कहा था, ‘‘यह लड़की मुझे युवा साइना नेहवाल की याद दिलाती है- निडर, जज्बे से भरी, प्रतिबद्ध।’’
साइना के साथ तुलना नई नहीं है। युवा साइना ने विश्व बैडमिंटन में चीन के दबदबे को तोड़ा था। अनमोल की तरह साइना भी हरियाणा से हैं लेकिन अब हैदराबाद में रहती हैं।
अनमोल तुलना से खुश हैं लेकिन वह अपनी अलग पहचान बनाने को लेकर भी स्पष्ट हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले पांच-छह वर्षों से उसका अनुसरण कर रही हूं। मैंने उनके स्ट्रोक और विविधता से सीखा है। मेरा खेल कुछ मायनों में साइना दीदी के समान है लेकिन उनकी एक बहुत ही अलग शैली है और मेरे खेलने का अपना तरीका है।’’
अनमोल ने कहा, ‘‘मेरी भी आक्रामक शैली है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब लोग मेरी तुलना उनसे करते हैं। मुझे कोई दबाव महसूस नहीं होता है। यह अच्छा है कि लोग मेरे बारे में इस तरह से बात कर रहे हैं।’’
अनमोल पिछले साल सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने के बाद सुर्खियों में आईं लेकिन साइना के साथ उनकी तुलना काफी पहले से शुरू हो गई थी।
पेशे से वकील और पूर्व राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी अनमोल के पिता देवेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘उसका खेल हमेशा आक्रामक था। उसके स्ट्रोक और कोर्ट कवरेज और बॉडी लैंग्वेज की तुलना हमेशा साइना से की जाती थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी वह सब जूनियर या जूनियर राष्ट्रीय या अखिल भारतीय रैंकिंग टूर्नामेंट में खेलती तो कोच कहते थे कि वह साइना की तरह दिखती है और खेलती है।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता
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