नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने शनिवार को अपनी कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा को गोवा में दो महिला फुटबॉलरों के साथ कथित शारीरिक उत्पीड़न के मामले में एक पैनल द्वारा जांच पूरी होने तक खेल संबंधित गतिविधियों से दूर रहने को कहा है।
इंडियन वुमैन्स फुटबॉल लीग (आईडब्ल्यूएल) के दूसरे डिविजन में हिस्सा लेने आयी हुए हिमाचल प्रदेश के खाद एफसी की दो फुटबॉल खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि क्लब के मालिक शर्मा ने 28 मार्च की रात को उनके कमरे में घुसकर उनके साथ मारपीट की थी।
उन्होंने एआईएफएफ की प्रतियोगिता समिति में शिकायत दर्ज की और टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे गोवा फुटबॉल संघ (जीएफए) ने भी दो महिला फुटबॉलरों की शिकायत के आधार पर मापुसा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
सूत्रों के मुताबिक शिकायत में दोनों खिलाड़ियों ने कहा कि शर्मा उस समय नशे की हालत में थे।
पुलिस उपाधीक्षक संदेश चोदनकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘एआईएफएफ कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा को औपचारिक शिकायत मिलने के बाद दिन में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मापुसा पुलिस ने उन्हें विभिन्न धाराओं के अंतर्गत चोट पहुंचाने, महिलाओं के खिलाफ बल का उपयोग करने के लिए गिरफ्तार किया गया। ’’
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिन में एआईएफएफ से कहा कि अधिकारी के खिलाफ जल्द और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये।
एआईएफएफ ने क्लब के मालिक और हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव शर्मा को निलंबित नहीं किया है।
एआईएफएफ ने अपने सीनियर सदस्यों के साथ आपात बैठक के बाद एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गोवा में आईडब्ल्यूएल 2 में भाग लेने वाले खाद एफसी की खिलाड़ियों ने औपचारिक रूप से एआईएफएफ को 29 मार्च को उनसे कथित मारपीट और उत्पीड़न की घटना के बारे में सूचित किया था। ’’
इसके अनुसार, ‘‘एआईएफएफ अध्यक्ष ने समिति को सात दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इस बीच घटना में शामिल दीपक शर्मा को निर्देश दिया गया है कि जब तक समिति की प्रक्रिया का निष्कर्ष नहीं निकलता तब तक वह फुटबॉल से संबंधित सभी गतिविधियों से दूर रहें। ’’
भाषा नमिता मोना
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