नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) खेल पंचाट (सीएएस) द्वारा चर्चिल ब्रदर्स को आई लीग चैंपियन घोषित करने के एआईएफएफ के फैसले पर और किसी भी औपचारिक सम्मान समारोह के आयोजन पर रोक लगाने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रीय महासंघ ने विजेता ट्रॉफी गोवा के क्लब को प्रदान की।
यह एक ऐसा घटनाक्रम जिस पर अंतरराष्ट्रीय संस्था कार्रवाई कर सकती है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के उप महासचिव एम सत्यनारायण ने चर्चिल ब्रदर्स को ट्रॉफी प्रदान की और दावा किया कि उन्हें समारोह आयोजित होने के बाद ही सीएएस के आदेश के बारे में पता चला।
सीएएस का आदेश इंटर काशी द्वारा दायर याचिका पर आया। सीएएस के अपील पंचाट प्रभाग की उपाध्यक्ष एलिजाबेथ स्टेनर ने मामले का फैसला होने तक एआईएफएफ को कोई भी पदक समारोह आयोजित करने से रोक दिया था। इंटर काशी के अध्यक्ष पृथिजीत दास ने कहा कि सीएएस का आदेश रविवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे आया जबकि सत्यनारायण ने चर्चिल को शाम चार बजे ट्रॉफी दी।
दास ने पीटीआई से कहा, ‘‘सीएएस का आदेश भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे आया और मेल एआईएफएफ को भी भेजा गया। ’’
हालांकि सत्यनारायण ने कहा कि एआईएफएफ को सीएएस के आदेश के बारे में तभी पता चला जब उन्होंने चर्चिल ब्रदर्स को ट्रॉफी दे दी थी।
उन्होंने कहा कि चूंकि रविवार को एआईएफएफ सचिवालय बंद था और वह फ्लाइट में थे इसलिए उन्हें सीएएस के आदेश के बारे में देर से पता चला।
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं ट्रॉफी देने के लिए गोवा की फ्लाइट में था और रविवार होने के कारण एआईएफएफ सचिवालय बंद था। मुझे ट्रॉफी देने के बाद ही इसके बारे में पता चला। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली उच्च न्यायालय और एआईएफएफ अपील समिति के आदेश का पालन किया है और अब हम वकीलों से सलाह लेने के बाद देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। ’’
उन्होंने कहा कि एआईएफएफ को इस मामले में सीएएस के अंतिम फैसले का पालन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘सुनवाई के बाद सीएएस जो भी फैसला करेगा, हमें उसका पालन करना होगा और उसके अनुसार कार्य करना होगा। ’’
भाषा नमिता
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