scorecardresearch
शुक्रवार, 2 मई, 2025
होमखेलक्रिकेट किट में हेलमेट की तरह मीडिया और तकनीक को अपनाएं: शास्त्री की खिलाड़ियों को सलाह

क्रिकेट किट में हेलमेट की तरह मीडिया और तकनीक को अपनाएं: शास्त्री की खिलाड़ियों को सलाह

Text Size:

मुंबई, दो मई (भाषा) भारत के पूर्व कप्तान और कोच रवि शास्त्री ने शुक्रवार को ‘मीडिया और तकनीक को क्रिकेट किट में हेलमेट की तरह’ करार देते हुए खिलाड़ियों को इसे अपनाने की सलाह देते दी और कहा कि इसके बिना खेल पिछले 40-45 वर्षों में जिस तरह विकसित हुआ है, वैसा नहीं होता।

शास्त्री ने कहा कि उनके खेलने के दिनों में केवल दो माध्यम ‘रेडियो और दूरदर्शन (टीवी)’ थे लेकिन भारतीय टीम के 1983 विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट ने एक लंबा सफर तय किया है।

इस 62 वर्षीय पू्र्व दिग्गज ने यहां ‘विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन सम्मेलन (वेव्स)’ में ‘खेल, प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और मीडिया के अंतर्संबंध’ पर एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘‘ हमने पहली बार 1983 में विश्व कप जीता था। इसके बाद भारत ने पिछले 40 वर्षों में बहुत सारे टूर्नामेंट जीते हैं। हमने लोगों को सपने दिखाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको हालांकि समर्थन की जरूरत होती है। यह ऐसा है जैसे आपके किट बैग में पैड हों, आपके किट बैग में क्रिकेट बैट हो, मीडिया किट बैग का हिस्सा है। मीडिया और प्रौद्योगिकी आपके क्रिकेट बैग में हेलमेट की तरह है; आप इसे खुशी-खुशी अपनाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से प्रौद्योगिकी अब खेल का एक अनिवार्य हिस्सा है और खिलाड़ियों को यह जानना चाहिए कि खुद को विकसित करने के लिए इसका उपयोग कैसे किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘ आपको ऐसे में तकनीक को अच्छे से अपनाना चाहिये। एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) अब बड़े पैमाने पर काम आ रही है। यह आपके लाभ के लिए है। यह टीम के लाभ के लिए है और यह खेल के विकास के लिए है।’’

शास्त्री ने कहा कि पहले किसी ब्रांड से जुड़ाव केवल लोगो (प्रतीक चिन्ह) और विज्ञापन तक ही सीमित रहता था लेकिन कई प्रसारण प्लेटफॉर्म के आने के साथ यह सब बदल गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस खेल को विकसित होते देखा है, हर खिलाड़ी इसका हिस्सा रहा है और देखा है कि पिछले 40-45 सालों में खेल कहां पहुंचा है। इस तरह के मंचों के बिना खेल उस तरह विकसित नहीं होता जैसा कि हुआ है। मेरे समय में यह रेडियो और दूरदर्शन था। ब्रांडों के साथ संबंध केवल विज्ञापनों के बारे में था, यह ‘लोगो’ के बारे में था।’’

शास्त्री ने कहा कि विभिन्न मंचों ने खिलाड़ी की दृश्यता बढ़ा दी है, जो पहले नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम डेढ़ अरब लोगों का देश हैं। हम युवा हैं, 70 प्रतिशत आबादी 30 वर्ष से कम आयु की हैं। खेल एक ऐसी चीज है जो आपको प्रेरित करती है। इसने जिसे पहले प्रेरित नहीं किया था उसे भी कोविड (महामारी) के दौरान इससे जुड़ने पर मजबूर किया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी भारत खेलता था तो उनके चेहरों पर मुस्कान आ जाती थी। चाहे वे कहीं भी खेलें, चाहे वह क्रिकेट हो, फुटबॉल हो, हॉकी हो, जो भी हो। जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो आपको और भी बड़ी मुस्कान मिलती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा ऑनलाइन मंचों के कारण लॉकडाउन या क्वारंटाइन (पृथकवास) में भी लोग खेल का लुत्फ उठा पाये।’’

शास्त्री ने आधुनिक खिलाड़ियों को तकनीक से हो रहे फायदे के बारे में कहा, ‘‘ खेल के लिए तकनीक ने जो किया है वह अविश्वसनीय है। आज एक खिलाड़ी खुद को 100 बार देख सकता है। पर्याप्त रिप्ले होंगे जो दिखाएंगे कि उसने क्या सही किया, क्या गलत किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब तकनीक काफी विस्तार से आपको अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में, खुद के बारे में, अपनी ताकत, अपनी कमजोरियों के बारे में बहुत कुछ बता सकती है।’’

भाषा आनन्द मोना

मोना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments