नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) हाल में भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक पद से हटे सांटियागो निएवा ने कहा कि ‘भारत में टूर्नामेंट प्रणाली बड़े मुक्केबाजी देशों से पीछे है और इसे पटरी पर लाने की जरूरत है’।
उनके कार्यकाल में भारतीय मुक्केबाजों ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते लेकिन तोक्यो ओलंपिक में देश को निराश किया।
निएवा का मानना है कि तोक्यो में पदक चूकने के बाद अगर सही कदम उठाये जाते हैं तो पेरिस ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है।
तोक्यो ओलंपिक में केवल लवलीना बोरगोहेन ही पदक ला सकी थीं और पुरूष मुक्केबाज उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी निराशा तोक्यो ओलंपिक रही जिसमें हमने कई पदक की उम्मीद की थी। मैं जानता हूं कि हमारी टीम नतीजों से कहीं ज्यादा बेहतर थी। पुरूष वर्ग में पदक नहीं जीतना निराशाजनक था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में टूर्नामेंट प्रणाली बड़े मुक्केबाजी करने वाले देशों से पीछे है। हमने ‘फाइट नाइट’ शुरू की लेकिन महामारी के कारण हम थोड़े पीछे रह गये और हमें इसे पटरी पर लाने की जरूरत है। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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