जकार्ता, 24 मई (भाषा) भारत की युवा टीम को पुरूष एशिया कप हॉकी चैम्पियनशिप में मंगलवार को यहां जापान के खिलाफ अनुभवहिनता का खामियाजा 2-5 की हार के साथ भुगतना पड़ा।
अपने शुरूआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद इस बड़ी हार से भारतीय टीम का आगे का सफर मुश्किल होगा। टीम अगर अगले मैच में इंडोनेशिया को हरा भी देती है तो उसके लिए नॉकआउट चरण का टिकट कटाना मुश्किल होगा।
जापान के लिए केन नागायोशी, कोसी कावाबे (दो गोल), रयोमी ओका और कोजी यामासाकी ने गोल किए जबकि भारतीय टीम के लिए पवन राजभर और उत्तम सिंह ने गोल किया।
कोच सरदार सिंह की युवा भारतीय टीम जापान की अधिक संगठित टीम के सामने लचर दिखी।
टीम के दो सीनियर खिलाड़ी कप्तान बीरेंद्र लाकड़ा और एसवी सुनील का खेल उस स्तर का नहीं दिखा जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
लाकड़ा ने मैच के बाद कहा, ‘‘ हमारे लिए पहले दो क्वार्टर बहुत कठिन थे क्योंकि हम इसमें लय हासिल नहीं कर सके। बाद के दोनों क्वार्टर में हमने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन ज्यादा मौके नहीं बना सके।’’
भारत के पास पहले हाफ के पांचवें मिनट में ही बढ़त बनाने का मौका था। 20 वर्षीय कार्ती सेल्वम ने अनुभवी एसवी सुनील को अच्छा पास दिया लेकिन सुनील गेंद को ठीक से रोकने में सफल नहीं रहे।
जापान के पास भी इस क्वार्टर में गोल करने का मौका था लेकिन टीम के पेनल्टी कार्नर को भारतीय गोलकीपर सूरज करकेरा ने विफल कर दिया।
दूसरे क्वार्टर में मिडफील्डर राज कुमार ने सर्कल के कोने से गोलपोस्ट की ओर शानदार शॉट लगाया लेकिन जापान के गोलकीपर ने इसे रोक दिया।
जापान के इसके बाद मैच पर पकड़ बनाना शुरू किया और दो पेनल्टी कार्नर हासिल किये। केन नागायोशी ने दूसरे पेनल्टी को गोल में बदलकर जापान का खाता खोला।
भारत के पास इसके बाद बराबरी का मौका था लेकिन नीलम संजीप जेस के बनाये मौके को राज कुमार गोल में नहीं बदल सके। उनके रिवर्स हिट को गोलकीपर ने रोक लिया।
मैच के 40वें मिनट में कावाबे ने मैदान के बीच से भारतीय खिलाड़ियों से गेंद छीन कर अकेले आगे बढ़ते हुए इसे गोल में बदल दिया।
तीसरे क्वार्टर के आखिरी क्षणों में लाकड़ा ने जापान के सर्कल के अंदर शानदार मौका बनाया जिसे राजभर ने गोल में बदल दिया।
आखिरी क्वार्टर में काटो के पास को ओका ने गोल में बदल कर जापान की बढ़त को 3-1 कर दिया लेकिन अगले ही मिनट में राजभर की मदद से उत्तम सिंह ने गोल कर इस अंतर को कम किया।
आखिरी सात मिनट में भारत के दो खिलाड़ियों को मैदान से बाहर होना पड़ा और जापान ने इसका पूरा फायदा उठाया। मैच के 54वें मिनट में यामासाकी के गोल से जापान की बढ़त 4-2 हो गयी।
इसके दो मिनट बाद कवाबे के प्रयास को गोलकीपर सूरज ने विफल किया लेकिन इस खिलाड़ी ने दूसरे प्रयास को गोल में बदल कर जापान की बढ़त 5-2 कर दी।
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर
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