बैंकाक, 15 मई (भाषा) भारतीय पुरूष बैडमिंटन टीम के कोच विमल कुमार ने रविवार को उम्मीद जतायी कि एतिहासिक थॉमस कप जीत का इस खेल पर वैसा ही असर हो जैसा 1983 विश्व कप जीत का क्रिकेट पर हुआ था।
विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने बैंकॉक में खेले गये फाइनल में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को 3-0 से पटखनी देते हुए यादगार जीत दर्ज की।
कुमार इस एतिहासिक जीत को बयां नहीं कर पा रहे थे, उन्होंने बैंकाक से कहा, ‘‘मेरे पास इसे बयां करने के लिये शब्द नहीं हैं। हमें हमेशा उम्मीद थी लेकिन जिस तरह से खिलाड़ी खेले, उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। यह अद्भुत रहा। हमारा इंडोनेशिया के खिलाफ इतना खराब रिकॉर्ड था और 3-0 से जीतना बेहतरीन था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘1983 में जब भारत ने क्रिकेट विश्व कप जीता था, तो उत्साह सातवें आसमान पर था लेकिन क्रिकेट हमेशा बहुत ही लोकप्रिय खेल था और मैं उम्मीद करता हूं कि बैडमिंटन में अब इस प्रदर्शन से यह खेल भी इतना ही लोकप्रिय हो जायेगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेल में हमेशा व्यक्तिगत उपलब्धियां रहीं लेकिन यह टीम प्रदर्शन था और मुझे उम्मीद है कि अब से खेल की लोकप्रियता यहां से बढ़ेगी ही। ’’
कोच ने इसे भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे सबसे बड़ी उपलब्धि करार करूंगा। निश्चित रूप से प्रकाश (पादुकोण) और (पुलेला गोपीचंद) गोपी ने आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती, (पीवी) सिंधू जीतीं, सभी महान उपलब्धियां थीं लेकिन बतौर टीम ऐसा प्रदर्शन पहले नहीं आया था। जब आप टीम चैम्पियनशिप जीतते हो, उसे बैडमिंटन देश की जीत कहते हो, इसलिये मैं इसे सर्वश्रेष्ठ करार करूंगा। ’’
कुमार ने साथ ही कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि अपने जीवन में मैं इसे देख सका। यह मेरे लिये सपना सच होना था।’’
भाषा नमिता आनन्द
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