नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) देश की शीर्ष अदालत के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के नए संविधान को स्वीकृति देने के दो से तीन महीने के भीतर महासंघ के चुनाव कराने का प्रयास करेगी।
समिति के एक सदस्य पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इसका मतलब हुआ है कि भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा महिला अंडर-17 विश्व कप से पहले एआईएफएफ में नए पदाधिकारी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने पूर्व न्यायमूर्ति एआर दवे की अगुआई में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति नियुक्त की जो एआईएफएफ के कार्यों के संचालन के अलावा राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार संविधान को लागू करने की दिशा में काम करेगी।
कुरैशी और भारत के पूर्व फुटबॉल कप्तान भास्कर गांगुली सीओए के दो अन्य सदस्य हैं। कुरैशी और गांगुली को उच्चतम न्यायालय ने 2017 में प्रशासक नियुक्त किया था और उन्हें राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार एआईएफएफ का संविधान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समिति ने जनवरी 2020 में सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को संविधान का मसौदा सौंप दिया था।
कुरैशी ने पीटीआई से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के बाद एआईएफएफ की पूर्व की कार्यकारी समिति का कोई वजूद नहीं होगा। उच्चतम न्यायालय ने हमें तुरंत प्रभार संभालने को कहा है इसलिए न्यायालय के आदेश की प्रति मिलते ही हम प्रभार संभाल लेंगे, एक दूसरे से बात करेंगे और भविष्य में क्या करना है इसकी रणनीति बनाएंगे।’’
कुरैशी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 30 जुलाई तक एआईएफएफ के नए संविधान को स्वीकृति देने की उम्मीद है जो सुनवाई की अगली तारीख भी है। इसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने और भास्कर ने 2020 की शुरुआत में सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को संविधान का जो मसौदा सौंपा था उसे अब खोला जाएगा और सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे जाएंगे। 30 जून तक इस प्रक्रिया के पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद हम मसौदा संविधान तैयार करेंगे जिसे उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा।’’
कुरैशी ने कहा, ‘‘बेशक नए संविधान को उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति मिलना जरूरी है और हमें 30 जुलाई तक ऐसा होने की उम्मीद है। इसके बाद हम चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे। नए पदाधिकारियों के जिम्मेदारी संभालने में 30 जुलाई के बाद दो से तीन महीने का समय लग सकता है।’’
कुरैशी ने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुसार सीओए टूर्नामेंट के आयोजन और टीम के चयन के लिए पूर्व की कार्यकारी समिति की मदद ले सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यालय ढांचे (सचिवालय) और एआईएफएफ के महासचिव पर इस आदेश का असर नहीं पड़ेगा। हम द्वारका में फुटबॉल हाउस में बैठेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि हमारे काम में वह तहेदिल और ईमानदारी से हमारी मदद करेंगे।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता
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