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Sunday, 22 December, 2024
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अंशु राधिका को एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत, मनीषा को कांस्य पदक

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उलानबटोर (मंगोलिया), 22 अप्रैल (भाषा) अंशु मलिक को एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में शुक्रवार को यहां शुरुआती  तीनों मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज करने के बाद 57 किग्रा वर्ग के खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।

राधिका ने भी 65 किग्रा वर्ग में  रजत जीता जबकि मनीषा को 62 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

शुरुआत के तीन मुकाबलों को तकनीकी श्रेष्ठता से जीतने वाली अंशु को फाइनल में जापान की त्सुगुमि साकुराइ ने चित्त कर दिया।

 हरियाणा के निदानी गांव की 20 साल की गत चैंपियन अंशु ने इस तरह एशियाई चैंपियनशिप में अपना तीसरा पदक जीता। अंशु ने 2020 में भारत में  कांस्य पदक जीतने के बाद और पिछले साल अल्माटी में 57 किग्रा का खिताब अपने नाम किया था।

पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं अंशु ने उज्बेकिस्तान की शोखिदा अखमेदोवा पर जीत के साथ शुरुआत की। उन्होंने इसके बाद सिंगापुर की डेनिएल सू चिंग लिम को पटखनी दी। चिंग के पास अंशु के दबदबे का कोई जवाब नहीं था।

अंशु ने अपने शानदार खेल से प्रतिद्वंद्वियों को सोचने या रणनीति बनाने का कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखुउ की चुनौती को दो मिनट 12 सेकंड में खत्म कर दिया। अंशू ने ‘डबल लेग अटैक’ की मदद से चार अंक बनाने के बाद आसानी से ‘टेक-डाउन (पटखनी)’ और ‘पुश-आउट (खेल क्षेत्र से बाहर निकालना)’ अंक जुटाये।

राधिका ने राउंड 5 के मुकाबले में कजाकिस्तान की दरिगा अबेन के खिलाफ जीत दर्ज कर रजत पदक अपने नाम किया।

मनीषा को कोरिया की हैनबिट ली से हार के बाद कांस्य पदक मिला।

पिछले कुछ समय से घरेलू स्पर्धाओं में 62 किग्रा वर्ग में अच्छा प्रदर्शन कर रही मनीषा को सेमीफाइनल में जापान की नोनोका ओजाकी से महज 40 सेकेंड में हार का सामना करना पड़ा, जिससे वह स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गईं।

ओजाकी ने प्रतियोगिता की शुरुआत में ही उसे ‘लेग-लेस मूव (प्रतिद्वंद्वी के पैरों पर पकड़ बनाना)’ में फंसा दिया और एक झटके में मुकाबला समाप्त कर दिया।

मनीषा ने कजाकिस्तान की अयाउलीम कासिमोवा के खिलाफ 9-0 से जीत दर्ज करते हुए शानदार शुरुआत की थी।

वह कांस्य पदक के लिए कोरिया की हैनबिट ली से भिड़ेंगी।

इस बीच, स्वाति शिंदे (53 किग्रा) तकनीकी श्रेष्ठता से अपने दोनों मुकाबले हार गईं और पदक की दौड़ से बाहर हो गईं।

भाषा  आनन्द आनन्द मोना

मोना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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