नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मुक्केबाज निकहत जरीन का मानना है , ‘जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है’।
तीन साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री किरेन रीजीजू से ओलंपिक के लिए चयन ट्रायल की मांग करने वाली निकहत ने कहा कि इस घटना के बाद घर में रहने से उन्हें निराशा से उबरने में मदद मिली।
निकहत की मांग के बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ ने 2019 में दिग्गज मैरीकोम के खिलाफ चयन ट्रायल का आयोजन किया था जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।
विश्व चैम्पियनशिप में 52 क्रिग्रा में खिताब जीतने वाली निकहत ने उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘ उस ट्रायल के बाद मैं मानसिक शांति के लिए घर चली गयी। फिर कोविड-19 के कारण लॉकडाउन हो गया। इससे मुझे साल 2020 में परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला। ’’
उन्होंने कहा, ‘’मैं उस लॉकडाउन के दौरान निराशा से उबरने में सफल रही। मुझे विश्वास था कि जो कुछ भी होता है, अच्छे कारण के लिए होता है।’
विश्व चैम्पियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में सफलता के बाद जरीन राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा में स्पर्धा करने की तैयारी कर रहीं है।
इसी भार वर्ग में जूनियर विश्व चैम्पियन रही जरीन ने कहा, ‘‘ अगर शरीर ने साथ दिया तो राष्ट्रमंडल खेलों में मैं 50 किग्रा वर्ग में भाग लूंगी नहीं तो मैं 54 किग्रा में जाने की कोशिश करूंगी।’’
इस 25 साल की मुक्केबाज ने कहा, ‘‘ मेरे लिए 50 किग्रा में मुश्किल नहीं होनी चाहिए क्योंकि मेरा नैसर्गिक वजन 51 किग्रा है, मुझे वजन वर्ग में नीचे आने के लिए केवल एक-डेढ़ किग्रा वजन कम करना होगा। मेरे लिए यह भी फायदेमंद होगा क्योंकि मेरी ‘हाइट’ अच्छी है और मुझे कम लंबाई के मुक्केबाज मिलेंगे।’’
भाषा आनन्द मोना
मोना
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.