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Friday, 20 December, 2024
होमविज्ञानक्या जल्दी मुरझा जाते हैं फूल? CSIR रिसर्च का दावा- लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल बढ़ा सकते हैं इनकी उम्र

क्या जल्दी मुरझा जाते हैं फूल? CSIR रिसर्च का दावा- लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल बढ़ा सकते हैं इनकी उम्र

लेमनग्रास ऑयल कटे हुए फूलों के तने के आखिरी छोर पर मौजूद माइक्रोबियल ब्लॉकेज़ को कम करके फूलों को लंबे समय तक ताज़ा बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है.

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नई दिल्ली: वेलेंटाइन डे तो खत्म हो गया है, लेकिन आपके फूलों को लंबे समय तक ताज़ा बनाए रखने का एक नया तरीका सामने आया है. रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि अगर कटे हुए फूलों पर लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है तो वह लंबे समय तक ताज़ा बने रह सकते हैं. खासकर हर जगह पाए जाने वाले ग्लेडियोलस फूलों पर यह ऑयल काफी अच्छे से काम करता है.

साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित एक स्टडी में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (CSIR-IHBT), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश के शोधकर्ताओं ने बताया कि किस तरह से लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदे अपने रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते ग्लेडियोलस फूलों की समय से पहले मुरझाने की समस्या को हल कर सकती हैं.

ग्लेडियोलस एक गुंबददार फूल होता है जो अपने अलग-अलग रंगों की वजह से खासा पसंद किया जाता है. इन फूलों को घरों में सजाने और बूके (गुलदस्ता) बनाने के लिए काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, डाली से तोड़ने के बाद ये फूल ज्यादा समय तक ताज़े नहीं रह पाते हैं, इस वजह से इनकी मार्केटिंग और कमर्शियल वैल्यू कम हो जाती है.

शोधकर्ताओं ने पाया कि एक लीटर डिस्टिल्ड वॉटर में सिर्फ 5 माइक्रोलीटर लेमनग्रास ऑयल डालने से ग्लेडियोलस के फूलों का जीवन 11 दिनों तक बढ़ सकता है, जबकि सादे डिस्टिल्ड वॉटर में यह फूल सिर्फ सात दिनों तक ताज़ा बना रह पाता है.

सीएसआईआर-आईएचबीटी की एक शोधकर्ता और स्टडी के लेखकों में से एक मीनाक्षी ठाकुर ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘लैब की नियंत्रित स्थितियों में ग्लेडियोलस के फूल लगभग सात दिनों तक चलते हैं, लेकिन लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से इन फूलों की शेल्फ लाइफ दो से चार दिनों तक और बढ़ जाती है.’’

उन्होंने बताया कि एक स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एसईएम) का इस्तेमाल करते हुए टीम ने लेमनग्रास-ट्रीटेड नमूने में ‘इन्टेक्ट वास्कुलचर’ देखा. यह दर्शाता है कि एसेंशियल ऑयल तने के आखिरी छोर पर मौजूद माइक्रोबियल ब्लॉकेज़ को कम करता है. यह माइक्रोबियल ब्लॉकेज़ कटे हुए फूलों के तेज़ी से मुरझाने का एक मुख्य कारण है. दरअसल, ब्लॉकेज़ पानी के अपटेक और ट्रांसपोर्ट को बाधित करता है, जो पानी के असंतुलन और जल्दी मुरझाने की वजह बनता है.

इसके अलावा ट्रीटेड स्पाइक्स में उम्र बढ़ने के लिए ज़िम्मेदार जीन के स्तर को कम होते और एंटीऑक्सीडेंट से जीन स्तर को बढ़ते देखा गया है. उन्होंने बताया कि इन कारकों ने मिलकर कटे हुए फूलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद की.

हालांकि, टीम ने इस प्रोजेक्ट में सिर्फ ग्लेडियोलस पर स्टडी की है, लेकिन ठाकुर का कहना है कि लेमनग्रास ऑयल में अन्य फूलों को भी लंबे समय तक ताज़ा बनाए रखने की संभावना है क्योंकि स्टेम पर माइक्रोबियल ब्लॉकेज़ सभी तरह के कटे हुए फूलों में होता है.

उन्होंने कहा कि ज्यादा मात्रा में एसेंशियल ऑयल की ज़रूरत नहीं होती है. बस कुछ माइक्रोलीटर ही इस काम के लिए काफी होता है. फूल उद्योग के लिए यह बहुत ही कॉस्ट इफेक्टिव है.


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पर्यावरण के अनुकूल समाधान

पुराने समय में शोधकर्ताओं ने कटे हुए फूलों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए सिल्वर नाइट्रेट, सिल्वर थायोसल्फेट, नैनो सिल्वर, कैल्शियम और हाइड्रोजन गैस जैसे विभिन्न रसायनों का उपयोग किया है. स्टडी के मुताबिक, एक तरफ जहां ये रसायन महंगे हैं, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण और इंसानों की सेहत पर नकारात्मक असर डालते हैं.

दूसरी तरफ, एसेंशियल ऑयल पर्यावरण के अनुकूल है. इनमें एंटीफंगल, एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और कीटनाशक गुण होते हैं. लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल बायोएक्टिव घटकों से भरपूर होता है, जिसने कई बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हुए अपनी रोगाणुरोधी गतिविधि का प्रदर्शन किया है.

तने के आखिरी छोर पर मौजूद माइक्रोबियल ब्लॉकेज़ को कम करके और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि को बढ़ाकर लेमनग्रास ऑयल कटे हुए फूलों की शेल्फ लाइफ में सुधार कर सकता है, इससे उनकी कमर्शियल वैल्यू बढ़ जाएगी. हालांकि, अलग-अलग फूलों पर यह ऑयल कैसे काम करेगा और पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य पर इसके क्या प्रभाव होगा, इसका मूल्यांकन करने के लिए और रिसर्च किए जाने की जरूरत है.

(अनुवादः संघप्रिया | संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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