नई दिल्ली: योगी सरकार उत्तर प्रदेश की बुनियादी शिक्षा को प्रयोगधर्मी और कौशल-आधारित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है. बच्चों में ‘सीखो करके’ की संस्कृति विकसित करने के लिए शिक्षण पद्धति में नवाचार लागू किए जा रहे हैं. इसके तहत 3 नवंबर से लखनऊ के दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान और उद्यमिता विकास संस्थान में 3288 विज्ञान एवं गणित शिक्षकों का त्रिदिवसीय प्रशिक्षण होगा.
इसका उद्देश्य ऐसे शिक्षक तैयार करना है जो बच्चों को प्रयोगशाला, प्रोजेक्ट और वास्तविक जीवन अनुभवों से जोड़कर पढ़ाएं. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि लक्ष्य ‘याद करने’ की जगह ‘समझने और खोजने’ पर जोर देना है.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि बच्चों में जिज्ञासा और सोचने की क्षमता विकसित करना ही नई शिक्षा व्यवस्था की पहचान होगी. यह प्रयास भविष्य की स्किल-इकोनॉमी और नवाचार-प्रधान भारत की दिशा में अहम कदम है.
