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Wednesday, 5 November, 2025
होमरिपोर्टनशे के कारोबार पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई: कोडीनयुक्त कफ सिरप और नशीली दवाओं पर सख्ती

नशे के कारोबार पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई: कोडीनयुक्त कफ सिरप और नशीली दवाओं पर सख्ती

प्रदेशभर में छापेमारी, लाखों की अवैध दवाएं जब्त, अब तक 16 एफआईआर और 6 गिरफ्तार.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ा अभियान शुरू किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक श्रेणी की दवाओं के अवैध भंडारण, बिक्री और वितरण पर कड़ी कार्रवाई तेज कर दी है. इस अभियान के तहत अब तक प्रदेशभर में लाखों रुपये की अवैध दवाएं जब्त, 16 एफआईआर दर्ज, और 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

विभाग के अनुसार, पूरे प्रदेश में अब तक 115 मेडिकल प्रतिष्ठानों पर छापेमारी/निरीक्षण किए गए हैं और 115 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. प्राथमिक जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर 25 मेडिकल स्टोर्स पर कोडीनयुक्त सिरप और नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई विशेष रूप से उन जिलों में तेज की गई है जो नेपाल सीमा, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब से सटे हुए हैं, क्योंकि इन इलाकों में नशीली दवाओं की अवैध आवाजाही की संभावना अधिक रहती है.

आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह अभियान निरंतर जारी है. उन्होंने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी विभागीय व्हाट्सएप नंबर 8756128434 पर दी जा सकती है, जिस पर प्राप्त सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

इस अभियान में एनडीपीएस एक्ट के तहत कई बड़ी कार्रवाइयाँ दर्ज की गई हैं. लखनऊ से लेकर बहराइच, लखीमपुर खीरी और अन्य जिलों में छापेमारी के दौरान कोडीनयुक्त सिरप और ट्रामाडोल कैप्सूल की बड़ी खेपें बरामद की गईं. लखीमपुर खीरी में हाल ही में एक मेडिकल एजेंसी से 1200 से अधिक कोडीनयुक्त बोतलें जब्त की गईं और इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. वहीं लखनऊ में दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों ARPIK और IDHIKA Lifesciences Pvt. Ltd. के डिपो पर भी छापे मारकर रिकॉर्ड जब्त किए गए.

बिलिंग और खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड में अनियमितताओं के मामलों में BNS के तहत भी सख्त कार्रवाई की गई है. रायबरेली, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर, उन्नाव, कानपुर नगर, बांदा और जालौन जिलों में कई मेडिकल एजेंसियों और डिस्ट्रीब्यूटरों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रदेश में नशे की लत को जड़ से खत्म करना है. औषधि प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने दोहराया है कि “उत्तर प्रदेश को नशामुक्त बनाना हमारा संकल्प है.”

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