नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल युग बदलने वाला विधेयक है. शाह ने जैसे ही महिला आरक्षण बिल के संशोधन पर लोकसभा में बोलना शुरू किया उस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और वॉकआउट किया.
शाह ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि “ये युग बदलने वाला विधेयक है.”
शाह ने माना कि “महिला कोटा बिल लाने का यह पांचवां प्रयास है. उन्होंने कहा कि देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक इस बिल को लाने की चार कोशिशें हुईं…क्या कारण था कि यह बिल पास नहीं हो सका?…”
शाह ने आगे कहा, “4 बार इस संसद को, देश की माताओं को हमने निराश किया है. इस बार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हम सब इस विधेयक का समर्थन करें. यश आपका भी है, हमारा भी है और छोटे से छोटे निर्दलीय सांसद का भी है. ये यश सदन का है. हम सब मिलकर इस बिल को पारित करें यही मेरा निवेदन है.”
शाह ने इस दौरान साफ कर दिया कि “चुनाव के बाद जल्द ही जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया होगी. इसके बाद इस सदन में एक तिहाई महिलाएं होंगी.”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्षों से लंबित बिल कर पेश किया गया है. कल का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
शाह ने कहा कि, “इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी. जी20 के दौरान पीएम मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा.”
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए शाह ने कहा कि मैं गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली हमारी पहली पार्टी है जिसने जब महिलाएं तपती धूप में मई के महीने में पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पूरी सरकार गांव-गांव में जाती थीं, ताकि बच्चियों को स्कूलों में पंजीकृत कर सकें. तब हमारे प्रधानमंत्री मोदी गुजरात प्रांत में भाजपा संगठन में महासचिव थे, तब वडोदरा कार्यकारिणी में यह फैसला हुआ कि संगठनात्मक पदों में एक तिहाई आरक्षण महिलाओं को दिया जाए और यहीं से महिलाओं के आरक्षण की नींव रखी गई.”
राहुल गांधी के सदन में यह कहे जाने पर कि सरकार सेक्रेटरी चलाते हैं.और आरक्षण पर उन्होंने सरकार से पूछा कि कितने विधायक और सांसद ओबीसी हैं जिसका जवाब देते हुए शाह ने कहा, ” उन्हें लगता है कि देश सचिवों द्वारा चलाया जाता है. मुझे लगता है कि सरकार देश चलाती है…”
उन्होंने कहा, “अभी जो संविधान है, उसमें तीन वर्ग के सांसद यहां चुनकर आते हैं, एक सामान्य वर्ग से आते हैं, जिसमें हमारे ओबीसी भाई भी होते हैं, बहनें भी होती हैं. दूसरा, एससी वर्ग से आते हैं और तीसरा एसटी वर्ग से आते हैं. इन तीनों वर्गों में हमने माताओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण कर दिया है.”
शाह ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी में 29 प्रतिशत सांसद ओबीसी के हैं. तुलना करना है तो आ जाइए… मंत्री भी 29 ओबीसी कैटेगरी के हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मोदी जी के नेतृत्व में जो कहा जाता है, वो किया जाता है. चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और delimitation दोनों होंगे और बहुत जल्द ही ये दिन आएगा कि सदन में एक तिहाई माताएं यहां बैठकर देश का भाग्य तय करेंगी.”
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गुजरात में दिया एक तिहाई रिजर्वेशन
शाह ने गुजरात में मुख्यमंत्री के दिन को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्रियों को अपने कार्यकाल के दौरान कई उपहार मिलते हैं जिन्हें वे आमतौर पर तिजोरी में सुरक्षित रखने के लिए रख देते हैं. लेकिन नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक रूप से लड़कियों की शिक्षा के लिए उन उपहारों की नीलामी की घोषणा की थी.
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की बड़ोदरा कार्यकारिणी हुई थी, उस ऐतिहासिक कार्यकारिणी में मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के संगठात्मक पदों पर माताओं के लिए एक तिहाई रिजर्वेशन किया गया था.
गृहमंत्री ने कहा कि मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देशभर में दिया. गुजरात में उनके प्रयासों से जनजागृति के माध्यम से बिना किसी कानून के लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ.
उन्होंने कहा, “मैं गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली मेरी पार्टी, सबसे पहली और अंतिम पार्टी है. इसलिए यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, हमारी मान्यता का मुद्दा है, हमारा स्वभाव का मुद्दा है, हमारी कार्यसंस्कृति का मुद्दा है.”
शाह ने कहा , “नया अनुच्छेद 303, 30ए लोकसभा में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण देगा और 332ए विधानसभाओं में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा इसके साथ-साथ एससी/एसटी वर्ग के लिए जितनी भी सीटें रिजर्व हैं, उसमें भी एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित होंगी.
गृहमंत्री ने इस दौरान कहा कि इस बिल से महिलाओं की एक लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा. जिसकी कल्पना G20 की बैठक में नरेन्द्र भाई मोदी ने समग्र विश्व के सामने रखी. women led development के नए युग का श्री गणेश इसी बिल से होने जा रहा है.
संविधान में संशोधन बिल पेश करते हुए कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है लेकिन नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह विधेयक महिलाओं को देश में निर्णय लेने और नीति निर्धारण में भागीदारी को सुनिश्चित करेगा. ”
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