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Friday, 28 November, 2025
होमरिपोर्टविश्वरंग–2025: हिन्दी और संस्कृति का वैश्विक संगम

विश्वरंग–2025: हिन्दी और संस्कृति का वैश्विक संगम

भोपाल में सातवें अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव में 70 देशों के 1000 से अधिक प्रतिभागी शामिल.

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नई दिल्ली: एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भाषा और संस्कृति एक-दूसरे की पूरक हैं. संस्कृति भाषा को कथा-बीज देती है और भाषा संस्कृति को अभिव्यक्ति. हिन्दी हमारे माथे की बिन्दी है और वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सदैव प्रभुसत्ता और लोक बन्धुत्व की भावना से ओत-प्रोत रही है.

मुख्यमंत्री यादव ने साहित्य और कला के महोत्सव विश्वरंग–2025 में देश-विदेश के साहित्यकारों, कलाकारों और युवाओं को संबोधित किया. भोपाल अब भारतीय संस्कृति, भाषा चेतना और वैश्विक साहित्यिक संवाद का केंद्र बन गया है. महोत्सव में कविता पाठ, पैनल चर्चा, कला प्रदर्शन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हो रही हैं.

विश्वरंग में 70 देशों के प्रतिभागी शामिल हैं. आयोजन युवाओं में सृजनशीलता, संवेदनशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देता है. संतोष चौबे ने कहा कि सात वर्षों में विश्वरंग 16 देशों से बढ़कर 70 देशों तक पहुंच गया.


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