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Wednesday, 24 September, 2025
होमरिपोर्टग्रोथ इंजन ही नहीं, देश का 'ग्रीन इंजन' भी बन रहा उत्तर प्रदेश

ग्रोथ इंजन ही नहीं, देश का ‘ग्रीन इंजन’ भी बन रहा उत्तर प्रदेश

इस अभियान ने अब तक प्रदेश में करीब पांच लाख एकड़ तक वन आच्छादन बढ़ाने में सफलता पाई है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश को “नए भारत का ग्रोथ इंजन” बनाने की दिशा में योगी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस 2025) राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत को वैश्विक मंच पर पेश करेगा. 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित इस भव्य आयोजन का यह तीसरा संस्करण होगा. इसमें व्यापार, उद्योग, संस्कृति, खानपान और तकनीकी नवाचार के अलावा इस बार सस्टेनेबिलिटी की अनूठी झलक भी दिखाई जाएगी.

योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता का सशक्त संदेश देते हुए ‘उत्तर प्रदेश प्लेजेस टू द प्लैनेट’ यानी पृथ्वी के प्रति उत्तर प्रदेश का संकल्प भी लिया है. यूपीआईटीएस 2025 का यह पहलू इस बात का उदाहरण है कि कैसे उत्तर प्रदेश खुद को भारत के ग्रोथ इंजन के साथ-साथ ग्रीन इंजन के रूप में भी स्थापित कर रहा है.

इस आयोजन में हॉल नंबर 8 का दृश्य खास होगा, जहां सिंचाई, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग अपनी योजनाओं और उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे. आगंतुकों को दिखाया जाएगा कि कैसे यूपी आधुनिक सिंचाई समाधानों के जरिए न केवल किसानों की उपज बढ़ा रहा है, बल्कि पानी की भारी बचत भी कर रहा है. यह पहल भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा और किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त कर रही है.

इस मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा. इस अभियान ने अब तक प्रदेश में करीब पांच लाख एकड़ तक वन आच्छादन बढ़ाने में सफलता पाई है. यह उपलब्धि न केवल पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि हर नागरिक को हरियाली से जोड़ने का सशक्त प्रयास भी है.

कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश ने विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन साधने का ठोस मॉडल तैयार किया है. सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को ध्यान में रखते हुए राज्य ग्रीन फ्यूचर की ओर तेजी से अग्रसर है. आयोजन समिति के अनुसार, इस सेक्शन का उद्देश्य आगंतुकों को प्रेरित करना और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मॉडल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए क्लाइमेट जस्टिस और सतत विकास की दिशा में प्रेरक साबित होगा.

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