वॉशिंगटनः अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने स्थानीय समयानुसार बुधवार को कहा कि चीन की सरकार ने दशकों से तिब्बत में दशकों से खतरनाक तरीके से मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उसके मन में तिब्बत की स्वायत्तता और पहचान के लिए कोई सम्मान नहीं है.
पेलोसी ने यह बात तिब्बत पर 8वें विश्व पार्लियामेंटेरियन कन्वेंशन पर कही. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘आज सुबह तिब्बत पर 8वें वर्ल्ड पार्लियामेंटेरियन कन्वेंशन में तिब्बत सहित पूरी दुनिया के नेताओं से मिलने का और तिब्बत के लोगों के लिए अमेरिका के वादे को दोहराने का मौका मिला.’
This morning, it was a great honor to join leaders from Tibet and around the world for the 8th World Parliamentarians’ Convention on Tibet, reaffirming the United States’ commitment to the Tibetan people. pic.twitter.com/ct3ktjTmPm
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) June 23, 2022
उन्होंने कहा, ‘दशकों से चीन की सरकार ने तिब्बत में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया है जिससे जाहिर होता है कि तिब्बत की स्वायत्तता और पहचान को लेकर उसके मन में कोई भी सम्मान नहीं है. यह फोरम काफी महत्त्वपूर्ण है जो कि तिब्बत की वास्तविक स्वायत्तता के लिए दुनिया भर के नेताओं को एक साथ लाती है.’
पेलोसी ने कहा कि पूरी दुनिया के नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे एक स्वर में बीजिंग के अत्याचारों के खिलाफ बोले और तिब्बत के लोगों के साथ खड़े हों.’ उन्होंने कहा कि अगर वाणिज्यिक संबंधों की वजह से हम चीन में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ नहीं बोलेंगे तो हमारे पास दुनिया में कहीं भी मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक आधार नहीं होगा.’
तिब्बत पर 8वां वर्ल्ड पार्लियामेंटेरियन कन्वेंशन (डब्ल्यूपीसीटी) वॉशिंगटन डीसी में 22 से 23 जून के बीच हो रहा है ताकि तिब्बत में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक दमन के प्रति दुनिया के नेताओं को एकजुट किया जा सके.
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