scorecardresearch
Saturday, 25 October, 2025
होमरिपोर्टयूपी: संभल में 46 साल बाद शुरू हुई 24-कोसी परिक्रमा

यूपी: संभल में 46 साल बाद शुरू हुई 24-कोसी परिक्रमा

परंपरागत रूप से मथुरा और काशी की यात्राओं के समान आध्यात्मिक महत्व रखने वाली इस परिक्रमा के पुनः आरंभ में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहा जा रहा है.

Text Size:

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में शनिवार को दो दिवसीय 24-कोसी परिक्रमा का आयोजन हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. यह परिक्रमा 1978 में सांप्रदायिक अशांति के बाद 46 साल तक रुकी हुई थी और अब एक प्राचीन धार्मिक परंपरा के पुनरुद्धार का प्रतीक बन गई है.

परंपरागत रूप से मथुरा और काशी की यात्राओं के समान आध्यात्मिक महत्व रखने वाली इस परिक्रमा के पुनः आरंभ में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहा जा रहा है, जिन्होंने संभल के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से जीवित किया और इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शहर में अवैध अतिक्रमण हटाए गए, प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया और सड़क तथा सुरक्षा संरचना में सुधार किया गया. अधिकारियों का कहना है कि परिक्रमा का पुनः आरंभ कानून के शासन की मजबूती और क्षेत्र में शांति व आस्था की वापसी का संकेत है.

संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और एसपी के.के. बिश्नोई, दो सर्किल अधिकारियों और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के साथ, सुरक्षा इंतजामों की निगरानी कर रहे थे. पीएसी, पुलिस, होम गार्ड और ट्रैफिक कर्मियों की पर्याप्त तैनाती से यह सुनिश्चित किया गया कि परिक्रमा सुचारू रूप से संपन्न हो. परिक्रमा मार्ग में नकासा, हयातनगर और सांभल कोतवाली शामिल हैं.

परिक्रमा की लंबाई 52 किलोमीटर है और यह हर साल दीपावली और भाई दूज के बाद आयोजित की जाती है. इस बार परिक्रमा की शुरुआत सुबह 2 बजे श्री वंश गोपाल धाम से हुई, जिसे माना जाता है कि भगवान कृष्ण और रुक्मिणी ने यहां निवास किया था. यहां का प्राचीन कदम वृक्ष और पूजनीय कल्पवृक्ष श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जो मानते हैं कि इन पवित्र वृक्षों की परिक्रमा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

परिक्रमा समिति के राजेश सिंघल ने कहा, “हर साल लाखों श्रद्धालु परिक्रमा में भाग लेते हैं. चंद्रेश्वर महादेव जैसे मंदिरों में भोजन, चाय, नाश्ता और रात्री विश्राम की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु अगले दिन यात्रा जारी रख सकें.”

share & View comments