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Thursday, 6 November, 2025
होमरिपोर्टसंत समाज ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को दिया ‘देवभूमि का धर्म-संरक्षक’ का आशीर्वाद

संत समाज ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को दिया ‘देवभूमि का धर्म-संरक्षक’ का आशीर्वाद

संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी को आश्वस्त किया कि हरिद्वार कुम्भ-2027 को विश्व-स्तरीय, दिव्य और भव्य स्वरूप देने के लिए सभी अखाड़े और संत समुदाय सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे.

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देहरादून: उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में देशभर के प्रमुख संतों और धर्माचार्यों का आध्यात्मिक संगम हुआ. इस दौरान संत समाज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में हो रहे सांस्कृतिक संरक्षण, परंपरा-संवर्द्धन और आध्यात्मिक विकास कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें “देवभूमि का धर्म-संरक्षक” की उपाधि और आशीर्वाद प्रदान किया.

संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड अपनी आध्यात्मिक पहचान, सनातन विरासत और धार्मिक धरोहर को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहा है. उन्होंने राज्य सरकार की उन नीतियों की प्रशंसा की जिनसे धार्मिक स्थलों के संरक्षण, आध्यात्मिक पर्यटन, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रसार को मजबूती मिली है.

मुख्यमंत्री आवास में हुए इस आध्यात्मिक मिलन में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी, जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, स्वामी चिदानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी, बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, आध्यात्मिक वक्ता जया किशोरी और चिंतक-कवि डॉ. कुमार विश्वास सहित कई प्रतिष्ठित संत एवं धर्माचार्य मौजूद रहे.

संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी को आश्वस्त किया कि हरिद्वार कुम्भ-2027 को विश्व-स्तरीय, दिव्य और भव्य स्वरूप देने के लिए सभी अखाड़े और संत समुदाय सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे.

संतों ने कहा, “कुम्भ केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय आध्यात्मिक चेतना का वैश्विक संगम है, जिसे ऐतिहासिक बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.”

उन्होंने कुम्भ की तैयारियों को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों—जैसे यातायात प्रबंधन, घाटों का सौंदर्यीकरण, अधोसंरचना विकास, सुरक्षा और स्वच्छता—की सराहना की और विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में यह कुम्भ अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाएगा.

संत समाज ने कहा कि उत्तराखंड आज तेज़ी से “वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र” के रूप में उभर रहा है.

उन्होंने राज्य की जनता के लिए मंगलकामनाएं दीं और रजत जयंती वर्ष को आध्यात्मिक रूप से ऐतिहासिक बनाने की शुभकामनाएँ व्यक्त कीं.

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