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Friday, 31 October, 2025
होमरिपोर्टउत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति की रीढ़ हैं गंगा एक्सप्रेसवे: मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति की रीढ़ हैं गंगा एक्सप्रेसवे: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा और गुणवत्ता पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेसवे केवल सड़कों का जाल नहीं हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास की रीढ़ हैं. बुधवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण हर हाल में दिसंबर तक पूरा होना चाहिए, ताकि राज्य के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित हो सके.

मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा और गुणवत्ता पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे के साथ प्रस्तावित मेरठ-हरिद्वार, नोएडा-जेवर, चित्रकूट-रीवा, और विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए एक्सप्रेसवे का रूट तय करते समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रस्तावित नेटवर्क का ध्यान रखा जाए, ताकि दोहराव से बचते हुए एकीकृत सड़क तंत्र विकसित हो.

योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सभी छह नोड्स—लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट—में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, “इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रक्षा उद्योग से जोड़ा जाए, ताकि रोजगार सृजन के साथ आत्मनिर्भरता को भी बल मिले.”

बैठक में बताया गया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक लगभग 30,819 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जबकि 5,039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है. कई कंपनियों ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि आवंटन के तीन वर्ष के भीतर यदि निवेश नहीं होता है, तो आवंटन स्वतः निरस्त किया जाए. भूमि उपयोग की पारदर्शी निगरानी व्यवस्था बनाकर केवल वास्तविक प्रगति की स्थिति में ही आगे की सुविधाएँ दी जानी चाहिए.

बैठक में यह भी बताया गया कि यूपीडा एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित हो रहे औद्योगिक क्लस्टर और लॉजिस्टिक पार्कों में निवेश बढ़ाने के लिए बिजली, जलापूर्ति, ट्रक टर्मिनल और स्वास्थ्य-आपातकालीन सेवाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है.

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