लखनऊ: उत्तर प्रदेश को ‘विकसित व आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के तृतीय संस्करण की सफलता के बाद अब सरकार प्रदेश के 75 जिलों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME), खादी, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 9 से 19 अक्टूबर के मध्य स्वदेशी मेलों का आयोजन करने जा रही है.
बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा और वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने प्रेस वार्ता में बताया कि दीपावली के शुभ अवसर पर लोग इन मेलों में आएं और स्थानीय उत्पाद खरीदकर ‘वोकल फॉर लोकल’ की परिकल्पना को साकार करें. उन्होंने कहा कि प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेला छोटे उद्यमियों, हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए बड़े अवसर और घरों में खुशहाली लाने का माध्यम बनेगा.
सचान ने बताया कि जैसे UPITS में प्रदेश के उद्यमियों और कारीगरों को देशी और विदेशी मंच मिला, ठीक उसी तरह अब जिलों में भी उन्हें अपने उत्पाद दिखाने का अवसर मिलेगा. मेलों का आयोजन हाई फुटफॉल वाले क्षेत्रों में किया जाएगा. गांवों से आने वाले कारीगरों को स्टॉल लगाने के लिए किराया और हर प्रकार की मदद दी जाएगी.
सचान ने बताया कि 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित UPITS के तृतीय संस्करण में 2200 से अधिक स्टॉल थे, 80 से अधिक देशों के 500 से अधिक खरीदार शामिल हुए. पांच दिनों में 5 लाख से अधिक लोग आए और 12,500 करोड़ के व्यवसायिक पूछताछ हुई. इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए 9 से 19 अक्टूबर के बीच 75 जिलों में स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेलों में सांस्कृतिक विभाग व संस्थाओं के माध्यम से तमाम कलाओं का प्रदर्शन भी होगा.
सचान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दीपावली से पहले जीएसटी की दरों में छूट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश को बढ़ावा दिया जा रहा है. स्वदेशी मेला छोटे उद्यमियों और कारीगरों को आर्थिक सहारा देगा. स्टॉल निःशुल्क दिए जाएंगे और एमएसएमई विभाग के माध्यम से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.
सचान ने बताया कि यह पहल आत्मनिर्भर भारत और विकसित उत्तर प्रदेश की दिशा में महत्वपूर्ण होगी. एमएसएमई की 96 लाख इकाइयों को जिला स्तर पर प्रदर्शन का अवसर मिलेगा. दीपावली के समय माटीकला बोर्ड के दीये, कलाकृतियां, झालर और अन्य हस्तशिल्प खरीदने से गांवों के कारीगर लाभान्वित होंगे.
सचान ने बताया कि सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 5 लाख रुपए तक ऋण दिया जा रहा है. इस योजना से प्रदेश के 95 हजार से अधिक युवाओं को जोड़ा गया है. इससे लघु उद्यम बढ़ेंगे, रोजगार सृजन होगा और स्थानीय उत्पाद उच्च गुणवत्ता के विकल्प के रूप में बाजार में उपलब्ध होंगे.
प्रेस वार्ता में राकेश सचान के साथ औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा निर्यात विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार भी मौजूद रहे.