देहरादून: उत्तराखंड कैबिनेट ने “उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2025” को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य जबरन, धोखे से या प्रलोभन देकर होने वाले धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है.
नए प्रावधानों के तहत पैसे, गिफ्ट, नौकरी, मुफ्त शिक्षा, शादी का झांसा, या सोशल मीडिया के जरिये धर्म परिवर्तन अपराध माना जाएगा.
शादी के इरादे से धर्म छुपाने पर 3 से 10 साल की जेल और 3 लाख रुपये जुर्माना होगा। सामान्य मामलों में 3–10 साल की जेल और 50,000 रुपये जुर्माना, जबकि महिला, बच्चा, SC/ST या दिव्यांग के मामलों में 5–14 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माना तय है. सामूहिक धर्मांतरण और विदेशी धन लेने पर 7–14 साल की जेल और भारी जुर्माना होगा.
पीड़ितों को कानूनी सहायता, आश्रय और गोपनीयता मिलेगी. सभी अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय होंगे.
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