नई दिल्ली: सरकार ने संसद को बताया कि 2014 से अब तक भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. वहीं इसी अवधि में पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और भूटान से लगती भारत की सीमाओं पर 23,926 घुसपैठियों को पकड़ा गया है.
लोकसभा में पेश आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत-बांग्लादेश सीमा पर सबसे ज्यादा घुसपैठियों को पकड़ा गया है. इसके बाद म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल-भूटान सीमाओं का स्थान है. 2014 से सालाना आधार पर जुटाए गए ये आंकड़े दिखाते हैं कि भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर लगातार घुसपैठ की कोशिशें होती रही हैं. जबकि चीन से लगती उत्तरी सीमा पर किसी भी घुसपैठ की सूचना नहीं मिली है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया और शर्मिला सरकार के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2014 से 2024 के बीच बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल-भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से कुल 20,806 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं जनवरी से नवंबर 2025 के बीच इन सीमाओं से 3,120 घुसपैठियों को पकड़ा गया.
आंकड़ों के मुताबिक, भारत-बांग्लादेश सीमा पर सबसे ज्यादा 18,851 घुसपैठियों की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद भारत-म्यांमार सीमा पर 1,165, भारत-पाकिस्तान सीमा पर 556 और भारत-नेपाल-भूटान सीमाओं पर 234 घुसपैठियों को पकड़ा गया.
2025 में नवंबर तक के महीनेवार आंकड़े बताते हैं कि घुसपैठियों की गिरफ्तारी जारी रही है. इसमें भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2,556, भारत-म्यांमार सीमा पर 437, भारत-पाकिस्तान सीमा पर 49 और भारत-नेपाल-भूटान सीमाओं पर 78 घुसपैठियों को पकड़ा गया.
आंकड़ों में यह भी दोहराया गया कि 2025 में भी भारत-चीन सीमा पर किसी भी घुसपैठिए की गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली है. यह उत्तरी सीमा पर अलग तरह की सुरक्षा स्थिति को दर्शाता है.
यह भी पढ़ें: बॉन्डी बीच गोलीबारी: शूटर 1998 में हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया गया, बेटा ऑस्ट्रेलियाई था
